चलीं अपना गाँव
तनि सा घूम आईं.
पत्थल के एह नगरिया में
पथरा गइलीसन आँख
टुटल डाढ़ी अस गिरल बानी
कटल परल मोर पाँख
लागल बा चोट कुठाँव
त कइसे धूम मचाईं.
खिसियाइल दुपहरिया में
तिल तिल के तन जरता
नोनिआइल देवालिन में
नोनी जस मन झरता
ओहिजे मिली नीम छाँव
तनिसा झूम आईं.
छाँह नदारद ठाँह नदारद
माहुर उगलत नल
का जाने कइसन बा आपन
आवेवाला कल
दादी अम्मा के पाँव
तनि सा चूम आईं.
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