2 दिसम्बर 2015
<p>स्पिन गेंदबाज़ी खेलना भी एक कला होती है जिसे हर देश के खिलाडियों को आना चाहये, ऑस्ट्रेलिया में हुए मैच की समाप्ति भी <a href="/Hash/Tag/3">#३</a> दिनों में हो गयी थी तब उस पर इस प्रकार का शोर नहीं मचाया गया </p>
5 मार्च 2016
आलोक जी आपके कथन से पूर्णतया सहमत हूँ मेरी राय में भी ये सबसे उत्तम विकल्प होगा |
21 जनवरी 2016
गलत जवाब सबके सब निकम्मे हैं मेरी राय में पूरी टीम को बदल डालो :P
20 जनवरी 2016
निखिल जी यदि हम पिच को बेहतर बनाने के स्थान पर अपने खेल प्रणाली और अपने खेलने की रणनीति को बेहतर करे तो ज्यादा अच्छा होगा यदि हमारा खेल अच्छा होगा तो मैदान कोई भी हो सिकंदर हम ही होंगे क्यूंकि यदि हम किसी क्रीड़ास्थल को अपने अनुसार निर्माण कराते है और अपने खेलने की रणनीति को उसके अनुकूल बनाते है तो हम अपने खेल को बेहतर नहीं बनाते बल्कि उसके अनुरूप अपने आप को ढालते है इससे हमारा खेल बेहतर नहीं होगा |
18 जनवरी 2016
<p>केवल टेस्ट ही क्यों वन डे मैच में भी ऐसी ही पिचों क निर्माण करना चाहिए </p><br>
19 दिसम्बर 2015
<p><font color="#ffffff" style="background-color: rgb(79, 97, 40);">बिलकुल करना चाहिए </font>, जब हम फ़ास्ट पिचेस पर खेलते है तो हमे कमेंट्री में सुनाई पड़ता है "<font style="background-color: rgb(149, 55, 52);" color="#ffffff"><strong>404 Pitch Not Found...!</strong></font>" वहां पर इतनी घांस होती हैं कि <span style="line-height: 1.42857;">पिच ही नहीं दिखती ! जब विदेशों में वो लोग अपने हिसाब से पिच बनाते हैं और उसका पूरा फायदा उठाते हैं तो हमे भी अपनी स्ट्रेंथ के अनुसार ही पिच बनाना चाहिए....</span></p>
5 दिसम्बर 2015
पिच तो सभी देश अपने अनुसार ही बनाते हैं परन्तु इस बार भारत में तो हद ही हो गयी है. हर टेस्ट 3 दिन में समाप्त हुआ है. <span style="line-height: 1.42857;">सुनने में आया की चंडीगढ़ पहुँच कर विराट कोहली ने सबसे पहले पिच क्यूरेटर के चरण स्पर्श किये. </span><br><br>
4 दिसम्बर 2015
<p>क्यों नहीं, लेकिन बिना किसी प्रचार के ,क्यों की सभी देश अपनी टीम के अनुरूप ही पिच का निर्माण करते हैं ! <br></p>
3 दिसम्बर 2015
<p>नहीं</p>
2 दिसम्बर 2015