जय हिन्द, जय भारत , जय भारतीय पितृ!
भारतीयों,
हम सबने अपनी आंखों से देखा कि अंग्रेज़ों से पीछा छुड़ाने में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने दो गुटों में - क्रांतिकारी गुट व शांतिप्रिय गुट - स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। यदि किसी भी गुट का न होना पाया जाता, तो आज़ादी मिलनी असंभव ही थी। वास्तव में स्वतंत्रता के लिए तो पूरे समाज को ही संघर्ष करना होता है, फिर चाहे वह लड़ाके हों या शांतिप्रिय!
परंतु जो लोग स्वतंत्रता संग्राम में सामने भी नहीं आए और कभी किसी तरह से अंग्रेज़ों से संघर्ष नहीं किया, वह बी.जे.पी./आर.एस.एस. आज हमारे देश की राजनीति को कितना अधिक प्रभावित करने दी जा रही है।
जिन्नाह के हठ के कारण भारत को पाकिस्तान को अलग करना पड़ा। अलग होने के बाद भी जिन्नाह व उनके समर्थकों ने लगातार भारत को कब्जाने की कोशिश की और 1948, 1965, 1971 में तीन युद्ध लड़े व हर बारी परास्त हुआ।
भारत का कोई भी स्वाभिमानी नेता इनके आगे नहीं झुका।
परंतु भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी जी न जाने क्यों पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा बैठे, जबकि यह पहल पाकिस्तान की तरफ से ही हो सकती थी। फिर उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा के बाद कारगिल पहाड़ीयों से भारतीय सेना को हटने का आदेश दिया और बहाना था कि सैन्य खर्च अधिक होता है। परंतु शत्रु पाकिस्तान ने कभी भी खर्च की परवाह नहीं की और उसने तुरंत ही कारगिल पहाड़ों पर कब्ज़ा कर लिया।
भारतीय सेना ने सैंकड़ों जवान व दिल्ली के कैप्टल विक्रम बत्रा कुर्बान किए। जब कारगिल आज़ाद किया गया।
फिर कुछ वर्षों बाद भाजपा के लाल कृष्ण अडवाणी जी जिन्होंने बाबरी मस्जिद ढहाने में भूमिका अदा की थी, ने पाकिस्तान में जा कर उनके ही जिन्नाह की दिल-खोल तारीफ़ की और उन्हें सही ठहराया। परंतु कुछ वर्ष उपरांत भाजपा के समस्त कार्यकर्ता महात्मा गांधी-जवाहरलाल नेहरु-इंदिरा गांधी की आलोचना करने लगे और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के लिए दुर्भाग्य करार देने लगे। व उसी समय महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने लगे व उसे स्वतंत्रता सेनानी करार देने लगे। एकाद जगह उसकी मूर्ति भी स्थापित की गई।
फिर भाजपा के नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद किसी विदेशी दौरे से लौटते वक्त अचानक ही बिन बुलाए - जब पाकिस्तान की सरकार तीन उत्सव एक ही दिन मना रही थी - पाकिस्तान पहुंच गए और पूरे 2 घण्टों तक अपने ही बाॅडीगार्ड की दृष्टि से गायब रहे।
तो कितना विश्वास किया जाए उन मूर्खों का जो दमड़ी तो बचा लेते हैं, पर चमड़ी खो आते हैं?
चुनिए कांग्रेस को, क्योंकि भारत में शेर इंसान राहुल गांधी हैं, व शेर जानवर ही गुजरात के जंगलों में पाए जाते हैं।
जय भारत! जय हिन्द! जय भारतीय पितृ।