साहब, राहुल गांधी जी ने कभी कोई मुख्यमंत्री या किसी सरकारी पदवी का चुनाव नहीं लड़ा है। उन्हें इंदिरा गांधी व अत्यधिक अनुभवी कांग्रेसी नेताओं से तुलना करना वैसे ही है जैसे किसी प्राथमिक विद्यालय के छात्र की किसी प्रकाण्ड पंडित से की जाए। जहां तक भाजपा का सवाल है, उसका नेतृत्व का सवाल है, तो यह कहना भूल नहीं होगा कि इंदिरा गांधी जी के खिलाफ पहले बदनामी करने की साजि़श की गई थीए और तब उनसे अवसाद में भरे सिक्ख ने निजि शत्रुता के चलते उनका कत्ल किया।
और भाजपा व पाकिस्तान की आईण्एसण्आईण् ने बहुत मिलता-जुलता किरदार निभाया कांग्रेस पार्टी के खिलाफ।
वाजपेयी का पाकिस्तान शत्रु के आगे दोस्ती का प्रस्तावए दुश्मन देश में यात्रा का आरम्भए कारगिल से सेना को हट जाने का आदेश और फिर कृत्रिम युद्ध और अडवाणी का जिन्नाह को समर्थन जबकि नेहरु.गांधी को बदनाम करनाए गांधी के कातिल का पुरज़ोर समर्थन, मोदी का पाकिस्तान के उत्सव में बिना न्यौते के शरीख़ होना।
सच्चाई को दबाया जा रहा है। नहीं तो जनता भाजपा के कार्यकर्ताओं तक को चीर-फाड़ खाए।