· सुबह मिश्राजी जब ऑफिस के लिए निकले तो उनकी श्रीमती जी बोलीं,
मिश्राजी की श्रीमतीजी- भगवान के हाथ जोड़ कर घर से निकला करो सब काम अच्छे होते हैं।
मिश्राजी ने कहा- मैं नहीं मानता... शादी वाले दिन भी तो हाथ जोड़ कर ही घर से निकला था।
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पहला आदमी- मैं पुजारी था, मैंने आपकी बड़ी सेवा की है, मुझे स्वर्ग भेज दीजिए।
भगवान- मेरी चमचागिरी करता है, इसे नर्क में लेकर जाओ।
दूसरा आदमी बोला- भगवन, मैं नेता था, मैंने तो जीवन भर समाज की सेवा की
है, आप मुझे स्वर्ग भेजिए।
भगवान- नेतागिरी करता है, इसे भी नर्क में ले जाओ।
तीसरा आदमी- भगवन मैं शादीशुदा आदमी था और....
इतने पर भगवान भावुक होकर बोले- बस कर पगले, मुझे भी रुलाएगा क्या? चल अंदर...।
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पति- मुझे अजीब सी बीमारी हुई है मेरी बीवी जब बोलती है तो
मुझे कुछ सुनाई नहीं देता।
हकीम- माशाल्लाह ये बीमारी नहीं ये तुम पर खुदा की रहमत हुई
है।
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सास (दामाद से)- आप दारू पीते हो, शादी से पहले बताया नहीं?
दामाद- आपकी बेटी ख़ून पीती है, ये बताया था क्या आपने शादी से पहले?