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लालच का फल ( प्रथम क़िश्त )

Sanjay Dani

3 अध्याय
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पुलगांव ग्राम में एक किसान को 5000) 00 देकर वहां का साहुकार साव जी उसकी ज़मीन का कागज अपने पास रख लेता है और इकरार नामा मेँ ऐसी शर्ते लिखवा लेता है की वह किसान शायद ही अपने द्वारा ली गयी उधारी को वापस कर सके। पर समय के साथ ऐसी बात होती है की साहुकार का दव उल्टा पड जाता है। 

lalach ka fal pratham kisht

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पुस्तक के भाग

1

लालच का फल प्रथम क़िश्त

28 मार्च 2022
3
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( लालच का फ़ल ) प्रथम क़िश्त ।लगभग पचास वर्ष पूरव की बात होगी सहदेव सेन दुर्ग के आउटर पर स्थित छोटे से गांव पुलगांव में अपनी 5 एकड़ ज़मीन पर खेती कर के जैसे तैसे अपना और अपने परिवार का गुज़ारा करते आ रहा ह

2

लालच का फल ( दूसरी क़िश्त )

29 मार्च 2022
1
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( लालच का फ़ल ) दूसरी क़िश्त अब तक-- पुलगांव के साहुकार रामाधीन साव ने वहां के एक किसान सहदेव जी को 5000 रुपिये उधार देकर इकरारनामा ऐसा लिखवा लिया की 3 साल के अंदर उधारी न पटाया जाए तो

3

लालच का फल ( अंतिम क़िश्त )

30 मार्च 2022
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( लालच का फ़ल ) अंतिम क़िश्तअब तक-- रामाधीन साव ,सहदेव द्वारा 5000 हज़ार रुपिये की उधारी को न पटा सकने के कारण उसकी ज़मीन को अपने कब्जे में लेकर पिछले 20 सालों से खेती कर रहा

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