कोई जाकर कह दो उनसे
दूर उनसे चला जाऊंगा,
तुम लाख ढुंढोगी ज़माने में
फिर लौटकर मै ना आऊंगा|
तुम मुझे ढुंढोगी चाँद में सितारों में,
लाखो में हज़ारो में,
टूटते तारे की तरह बिखर जाऊंगा
फिर वहां नज़र मै ना आऊंगा|
तुम मुझे ढुंढोगी फूलों में बहारों में,
खुशरंग त्योहारो में,
सूखे पत्तो की तरह बिखर जाऊंगा
फिर वहां नज़र मै ना आऊंगा |
तुम मुझे ढुंढोगी नदियों में किनारो में,
बरसात की बौछारों में,
बर्फ बनकर बिखर जाऊंगा,
फिर वहां नज़र मै ना आऊंगा|
गुलशन कुमार
7278659277
जारी है ......................