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लव पोरवाल की डायरी

लव पोरवाल

3 अध्याय
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lav porwal ki dir

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पुस्तक के भाग

1

शहर

8 जून 2016
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ये शहर भी कितने अजीब होते हैं न ! जब हम किसी नए शहर में जाते हैं तो हमे वो पसंद नहीं आता, क्यू की वो हमारे पुराने शहर जैसा नही होता! सब नया हो जाता है, लोग नए, बोली नयी, खाना नया, पानी नया और इन सबके लिए आप भी नए। धीरे धीरे हम वहां रमने लगते हैं.. फिर सब अपने हो जाते हैं, शहर अपना हो जाता है, लोग अप

2

‪#‎SixWordStory‬

9 जून 2016
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ओवरटेक नहीं करूँगा, गोली मत मारो!!:Bihar se.. ‪#‎SixWordStory‬

3

इंसान या जानवर

10 जून 2016
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कल शाम को बाजार से घर वापस आ रहा था तो रास्ते में देखा कि एक फटेहाल इंसान चेन से बंधे कुत्ते को डंडे से जोर जोर से पीट रहा था और कुत्ता भी रहम की भीख मांग रहा था। आस पास के लोग उसे देख कर अनदेखा कर रहे थे पर मुझसे रहा न गया.. मैंने पूछ ही लिया की क्या हो गया भाई? इंसान तो कुछ नहीं बोला लेकिन कुत्ते

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