लिखना क्यों?
मेरे सामने एक रहस्यमयी दुनियां है। कुछ आवर्त कुछ अनावर्ता। हर छुपी चीज मुझे आकर्षित करती है।
रहस्य चाहे प्राकृति का हो या मन उसको खोलना या उस उलझना रुचता है।
प्राकृति के रहस्य से उलझना साइंटिस्ट बनता है और मन के भावों को परत दर परत खोलना कलाकार।
मुझे दोनों ही रुचते हैं।
राजेश
१५-०९-२०२२