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परमात्मा की सीख और अनुभव-थोड़ा रूहानी हो जाएं🌹🌹🌹🌹🌹🌹

16 सितम्बर 2022

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     परमात्मा की सीख और अनुभव
      🌹🌹🌹🌹🌹🌹

आज मैं एक गीत सुन रही थी....
   मत कर तू अभिमान रे बन्दे, झूठी तेरी शान....

     🌹मै शौच रही थी कि कितना सच है, हम सोचते है कि ये घर ये परिवार या आफिस की मैं महत्वपूर्ण इकाई हुन, पर इस कुछ भी नही होता।  ये मैने खुद अपने जीवन मे अनुभव किया। 
अक्सर ज्ञान मार्ग में चलने के बाद मैं सुनती आई थी कि " बच्चो तुम्हारा कुछ भी नहीं। बस रोल है। धन भी तुम्हारा नहीं तुम ट्रस्टी हो। सब छोड़ जाना है । बस अपना रोल बेस्ट करो । कोई उम्मीद मत करो।
    कारोना के दौरान मुझे अपनेअनुभव से सब बातों को सच पाया और बहुत सी बातें सीखने को मिली । इसे इतफाक कहे या नियति कहे।  मैं लॉक डाउन से पहले अपने देश से अपने घर से दूर अपने बच्चो के पास आई थी। परंतु मेरे वापिस जाने पहले ही फ्लाइट कैंसल हो गई सभी देशों ने लोक डाउन कर दिया।  
 🌹 बहुत मायूसी हुई। कुछ समय तो उम्मीद से कि गया  स्थिति संभाल जाएगी। परंतु अवधि बढ़ती गई। शुरू में मन उदास हुआ अपने घर की कमी खलने लगी । अपसेट भी हुई। पहले तो बहुत बुरा लगा और कई बार उदासी के दौर से गुजरी। घर की याद बहुत आती। लगता मेरे बिना बेटा और हसबैंड परेशान होंगे। मेड भी नहीं आ रही हैं।
     उनसे पूछो तो वे कहते है सब ठीक चल रहा है। कोई प्रॉब्लम नहीं सब हो जाता है। कर लेते है। हसबैंड ने कहा काम बहुत होता है।  पर क्या है करना तो है सब हो जाता है। तुम टेंशन मत लो। उन्होंने एक बार भी नहीं कहा कि मेरे बिना कोई परेशानी आ रही है। मुझे तसल्ली हुई । पर सोचती कि उनको प्रॉब्लम तो होगी। बेटे से पूछा तो उसने भी कहा सब ठीक है।  अच्छा चल रहा है।  सब अपने में मस्त हैं।
 🌹फिर मैंने महसूस किया कि सब चल रहा है । खा पी रहे है, लाइफ को अपने ढंग से एन्जॉय भी कर रहे हैं। कोई भी काम नहीं रुका। किसी को कोई खास फर्क नहीं पड़ता तुम हो या नहीं। ना दुनिया रुकती है, ना कोई रिश्ते नाते तुम्हारे बिना मरे जा रहे है। तुम्हारी अहमियत बस इतनी ही कि तुम खुद अपने को अहम समझते हो। खुद पर अभिमान करतद हो कि मेरे बिना सबको परेशानी होगी। पर इस कुछ नही होता।
      लगा कि अगर आज हम मर भी जाए तो भी कोई फर्क  नहीं आयेगा । सब अपनी दुनिया में , अपने परिवार में मस्त है। तुम्हारे बिना भी परिवार और  दुनिया सब अच्छे से चलती रहेगी।
 बस इतना कि घर से दूर जाकर या दूसरे देश जाकर फोन पर बात हो जाती है। तसल्ली हो गई। बस मरने पर इतना फर्क होगा कि  फोन पर भी बात नहीं होगी।  सालो पहले भी फोन पर बात नहीं होती थी। लोग विदेश जाते थे तो कोई कॉन्टेक्ट ही नहीं होता था। अब फोन आ गए है। हम मर गए तो ज्यादा से ज्यादा फोन पर भी कॉन्टेक्ट नहीं होगा, और तो क्या फर्क पड़ने वाला है।
   🌹सब लोग काम खुद कर सकते है, अपनी जिंदगी जी सकते है, खुश रह सकते है। किसी के जाने से दुनिया नहीं रुकती। परमात्मा ने पेट और भूख ऐसी चीज बनाई है, कि जानवर भी अपना पेट भर लेते हैं । इंसान को तो परमात्मा ने बुद्धि दो हाथ में काम करने की क्षमता दी है ।  अगर कोई प्रॉब्लम आती होगी तो छोटे बच्चो को जिन्हें मा बाप की जरूरत होगी है। वो भी अपने पैरो पर खड़े होने तक।
      परमात्मा ने महावाक्यों में हमेशा कहा कि बस मै ही तुम्हारा हूं। बस हर सम्बन्ध मुझसे जोड़ दो। मै ही मात पिता बन्धु सखा हूं।मुझे 
याद करते हुए नेक कर्म करो अपने रोल को सुंदर बनाओ। पुण्य और दुआए कमाओ। बच्चों नष्टो मोहा" बनो, "मरजीवा" बन जाओ। अर्थात जीते जी मार जाओ।
🌹मै सोचती थी कि "मरजीवा" या जीते जी मरना" क्या होता है। "नष्टो मोहा" क्या होता है। पर अब घर से बाहर 5 महीने रह कर मैने उस स्थिति को अनुभव किया कि जैसे आज मै एक देश से दूसरे देश में जाकर घर से, परिवार से दूर रह रही हूं और सब कुछ चल रहा है। बच्चे घर, परिवार, दुनिया सब मस्त है । सब अपनी खुशी से  और अपनी मर्जी से, जीवन को अपने ढंग से जी रहे है। मै भी आराम से जी रही हूं। ना मुझे कोई परेशानी है ना उन्हें। 
      ठीक इसी तरह अगर मै इस दुनिया को छोड अनंत या परमात्मा की दूसरी दुनिया में चली  जाती हूं तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। सब कुछ ठीक इसी तरह ही तो चलने वाला है जैसा इस समय चल रहा है।  कुछ दिन एक खालीपन महसूस होता है। पर फिर सब ट्रेक पर आ जाता है। यही तो जीवन का फलसफा है।
   🌹परंतु हमें आदत होती है जो सारे घर की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेती हैं । सब लोगों को आराम परस्त बना देती हैं और सोचती हे की उनके बिना घर नहीं चलता। वह भी इतने आराम परस्त बन  जाते हैं, उन्हें क्या चाहिए, वो क्यों कष्ट नकरे जब कोई थाली में परोस कर दे रहा हो। उन्हें भी आराम परस्ती अच्छी लगती है।  उसके बाद अगर वह घर के किसी काम में मदद करते हैं तो वह बहुत बड़ा अहसान होता  है । 
  🌹मै डेली शिव बाबा की मुरली सुनती हूं। शिव बाबा की मुरली में महावाक्य सुनती आई थी कि " बच्चो तुम्हारा कुछ भी नहीं। बस रोल है। धन भी तुम्हारा नहीं तुम ट्रस्टी हो। सब छोड़ जाना है । बस अपना रोल बेस्ट करो । बस देवता बनकर देना सीखो। दायित्व और जिम्मेदारी निभाओ। अपना रोल बेस्ट करो ।  प्यार बांटो  पर मोह बन्धन में लिप्त मत रहो। तुम देवता होअर्थात देने वाले तुम्हें बस देना है, चाहे वह खुशी हो, सुख हो, धन हो या सेवा । बस जितना दे सकते हो दो। फिक्र मत करो। उम्मीद मत करो। जीते जी मर जाओ। मरजिवा बनो। नश्टो मोहा बनो। अर्थात मोह को नष्ट कर दो क्योंकि मोह ही दुख का कारण है। बस तुम अपना बेस्ट करो।सब कभी खुश नहीं होते। तुम ईमानदारी से अपना बेस्ट रोल करो।
🌹अब मुझे मुरली में परमात्मा के इस महावाक्यों का अर्थ समझ आ गया है,  की नेष्टो मोहा भव । जीते जी जाओ । वास्तव में corona ने शायद सब को कोई ना कोई नई बात सिखाई है, नया अनुभव दिया है। अगर हम थोड़ा गहराई से सोचे तो इन 3 महीनों में हम बहुत कुछ सोचने और समझने का अवसर दिया है और जिंदगी नए सिरे से जीने का अवसर दिया है ।  
 🌹आप क्या कहते है। आपका अनुभव क्या है। कृपया जरूर बताए।  
           🌹  🌹 🌹
          कमलेश अरोडा
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रचनाएँ
थोड़ा रूहानी हो जाएं...
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तू वही है वही है नहीं है जिसकी चाहत थी सदियों से हर कौम की तू वही है, वही है,वही है वही... तू ही रूहों का मालिक पिता और गुरु, पूरा होता तुमसे सफर ये, खत्म और शुरू, परवरिश दे रही तेरी मौजूदगी तू वही है वही है वही है वही.... तेरा आगाज, अंजाम, इंसाफ है, गलतियां करता सबकी, तू Tही माफ है, तेरी चुप्प,तेरी रहमत,तेरी सादगी. तू वही है वही है वही है वही... तेरीआयत, इनायत, फरमान है पूरा होता सफर अब ये पैगाम है, कब्र दाखिल रूहों में है छाई खुशी, तू वही है वही है वही है वही तू वही है वही है वही है वही हम किसे ढूंढ रहे हैं कौन है हमारा अपना हम कौन हैं हम कहां से आए हैं और हमें कहां जाना है हाय प्रत्येक मनुष्य की यही खोज है वह उस परमात्मा खुदा अल्लाह गॉड को दर-दर भटक भटक कर ढूंढ रहा है लेकिन वह कहीं नहीं मिलता उसे पाने के लिए हमें सबसे पहले अपने अंतर में झांकना होगा अपनी आत्मा को अपनी रूह को पहचानना होगा । तभी हम रूहों के मालिक रूहों के पिता को ढूंढ पाएंगे उससे मिल पाएंगे इस पुस्तक में मैंने अपने अंदर की खोज को प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है आज पृथ्वी हाहाकार कर रही है और हर प्राणी ईश्वर को पुकारता है। हे प्रभु आओ धरती को पाप से बचाओ विश्व में शांति हो सुख हो मंगल हो। सब का कल्याण करो । ईश्वर परमात्मा खुदा से मिलने के लिए सबसे पहले हमें खुद से अपनी आत्मा से मिलना होगा जब तक हमें खुद की पहचान नहीं है तो हम परमात्मा की पहचान कैसे कर सकते हैं तो आइए थोड़ा रूहानी हो जाइए कमलेश अरोड़ा के साथ......
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तेरा क्या मुझसे नाता है.. थोड़ा रूहानी हो जाए... ❣️❣️❣️❣️❣️❣️

14 सितम्बर 2022
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तेरा क्या मुझसे नाता है..थोड़ा रूहानी हो जाए...❣️❣️❣️❣️❣️❣️आज एक गीत सुन रही थी....तेरा क्या मुझसे नाता है, क्यों इतना प्यार लुटाता है... बाबा ओ बाबा... ❣️❣️❣️❣️❣️

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परमात्मा की सीख और अनुभव-थोड़ा रूहानी हो जाएं🌹🌹🌹🌹🌹🌹

16 सितम्बर 2022
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परमात्मा की सीख और अनुभव 🌹🌹🌹🌹🌹🌹आज मैं एक गीत सुन रही थी.... मत कर तू अभिमान रे बन्दे, झूठी तेरी शान.... 🌹मै शौच रही थी कि

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👑ये दुनिया नही है जागीर किसी की...👑थोड़ा रूहानी हो जाये...

24 अगस्त 2022
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👑👑👑👑 आज मैं ये गीत सुन रही थी... ये दुनिया नही है जागीर किसी की....राजा हो या रंक यहां पर सब है चौकीदार.....&

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🌹देख तेरे संसार की हालत...🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं

22 अगस्त 2022
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आज मैं गीत सुन रही थी....देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान....कितना बदल गया इंसान.... 🌹🌹🌹🌹 🌹मेरे मन में कुछ चिंतन चल रहा था कि आज के युग में इतनी बुराइयां इतन

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🙏तुम्ही हो माता पिता तुम्ही🙏 रूहानी हो जाएं

1 अगस्त 2022
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✳️🙏तुम्ही हो माता पिता तुम्ही..✳️🙏 रूहानी हो जाएं✍️ 🙏✳️🙏✳️🙏✳️🙏✳️🙏"तुम्ही हो माता पिता तुम्हीं हो तुम्हीं हो बंधु सखा तुम्हीं हो.....कौन है वो....आज

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🌹राह बदलें और खुश रहे..🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं..

2 अगस्त 2022
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🌹राह बदलें और खुश रहे...🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹खुश रहना आपका अधिकार है। किसी ने कहा है कि....अगर किसी रास्ते पर सिर्फ और सिर्फ कांटे है। तो आप पूरे रास्ते पर कार्पेट नहीं बिछा सकते।फ

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😢मुखड़ा देख ले दर्पण में..😢

2 अगस्त 2022
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😢मुखड़ा देख ले दर्पण में..😢 थोड़ा रूहानी हो जाएं... मुखड़ा देख ले प्रानी ज़रा दरपन में, देख ले कितना पुण्य है कितना पाप तेरे ज

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🌹आत्मा और शरीर🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं..

4 अगस्त 2022
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🌹आत्मा और शरीर🌹 थोड़ा रूहानी हो जाएं.. 🌹🌹🌹🌹सोचिये शरीर और आत्मा का आपस में क्या संबंध है।उत्तर :शरीर और आत्मा का संबंध इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं,

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✳️ वो घर बहुत हसीन है✳️ थोड़ा रूहानी हो जाए..

4 अगस्त 2022
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✳️ वो घर बहुत हसीन है✳️थोड़ा रूहानी हो जाए.. ✳️✳️ ✳️✳️ ✳️✳️✳️आज मैं एक गीत सुन रही थी। बोल थे: "ये तेरा घर ये मेरा घर,किसी को देखना हो अगर, तो पहले आके मांग ले, मे

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✴️ मित्र कौन, दुश्मन कौन✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं....

6 अगस्त 2022
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✴️ मित्र कौन, दुश्मन कौन✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं.... ✴️✴️✴️✴️ ✴️ये

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भ्रकुटी के मध्य सितारा ✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं.....

5 अगस्त 2022
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✴️भ्रकुटी के मध्य सितारा ✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं..... ✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️ पंच तत्व की बनी चदरिया, चदरिया झीनी रे झ

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