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भ्रकुटी के मध्य सितारा ✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं.....

5 अगस्त 2022

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  ✴️भ्रकुटी के मध्य सितारा ✴️ 
       थोड़ा रूहानी हो जाएं.....
    ✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️

     पंच तत्व की बनी चदरिया,
     चदरिया झीनी रे झीनी......

   पंच तत्व की बनी चदरिया....यह तो शरीर का परिचय है, जो पांच तत्वों  से बना है किंतु शरीर का संचालन कौन कर रहा है। इसे हमे भूल जाते हैं। न हम स्वयं को जानते हैं, न ईश्वर को पहचानते हैं। स्वयं को जानना अर्थात आत्म परिचय, आत्मा का परिचय।  आत्मा को अक्सर मन भी कह देते हैं। स्वयं के आंतरिक स्वरूप को जानना,  आत्मा के गुणों और शक्तियों को जानना है। आध्यात्मिकता में  आत्मा का अध्ययन ही हमे हमारी असली पहचान देता है।

 कबीरजी ने कहा..
 "पंच तत्व की बनी चदरिया, 
सात तत्व की पूनी "
" नौ दस मास बुनन में लागे , 
मूरख मैली कीन्ही "
चदरिया झीनी रे झीनी......
  
     पतंजलि योग दर्शन में बताया गया भृकुटी के मध्य में स्थित आज्ञा चक्र होता है जो आत्मा का स्थान माना जाता है। और इसे तीसरा नेत्र भी कहा जाता है आत्मा का तीसरा नेत्र ज्ञान नेत्र और ध्यान के द्वारा आत्मा रूपी प्रकाश को भ्रकुटी के मध्य में ही देखा जाता है।
   श्री गुरु ग्रंथ साहब जी  में आत्मा के विषय में कहा गया:-
"मन तु ज्योत स्वरूप है, अपना मूल पछांण " 
 हे मेरे मन तू उस परमात्मा के नूर की तरह है।
   कबीर जी भी ने आत्मा को ज्योति प्रकाश स्वरूप माना है । शरीर दीपक है और आत्मा बत्ती है । 
   पतंजलि के योग दर्शन में बताया गया है कि  भृकुटी के मध्य में स्थित आज्ञा चक्र  ही आत्मा का मूल स्थान माना जाता है। इसे ही तीसरा नेत्र भी कहा जाता है। आत्मा का तीसरा नेत्र, ज्ञान और ध्यान के प्रकाश बिंदु के रूप में भ्रकुटी के मध्य में ही देखा जाता है।
   मेडिकल साइंसेस के द्वारा भी यह प्रमाणित किया गया कि मस्तिष्क के भीतर हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्लैंड के बीच में आत्मा रूपी ऊर्जा शक्ति एनर्जी का निवास स्थान है। 

   विज्ञान ने इसे Energy कहा
"Energy neither be created nor be destroyed.

     जैसे रात्रि को आकाश में जगमगाता हुआ तारा एक बिन्दु-सा दिखाई देता है, वैसे ही दिव्य-दृष्टि द्वारा आत्मा भी एक तारे की तरह ही दिखाई देती है। इसीलिए एक प्रसिद्ध पद में कहा गया है:
    आत्मा का निवास स्थान कहा होता है ?
“भृकुटी में चमकता है इक अजब सितारा, गरीबां नूं साहिबा लगदा ए प्यारा ”  
अक्सर गुरु लोग तिलक भी यही लगाते है।
महिलायें भी बिंदी यही लगाती हैं। 
चर्च में यही पर एक पवित्र जल के छींटे माथे पर देते है।  तथा क्रॉस को माथे से लगाते है। 
☀ कई इस बारे में कहते है कि आत्मा ह्रदय में निवास करती है।

   तो जब किसी का heart transplant होता है तो एक की आत्मा दूसरे में आ जानी चाहिए मगर ऐसा कुछ नहीं होता है। तो इससे साबित होता है की आत्मा ना पूरे शरीर में ना ही ह्दय में रहती। क्योंकि कोई भी अंग ट्रांसप्लांट हो सकता है, तो फिर आत्मा खान जाएगी। उसका जिस स्थान है ब्रेन, ब्रेन किसी का ट्रांसप्लांट नही हुआ। जिसका transplant आज तक किसी का हुआ नहीं है और नहीं होगा। ब्रेन के बिना कोई मनुष्य जी नहीं सकता।

   आइये देखते है वैज्ञानिकों के पॉइंट ऑफ़ व्यू से हल्की चीज हमेशा ऊपर रहती है । आत्मा अदृश्य है हल्की है, मस्तिष्क के द्वारा पूरे शरीर का नियंत्रण करती है। आत्मा से बहुत सारे  signal, waves , ultraviolet rays रिमोट से निकलने वाली किरणों जैसे होते हैं, जिसे हम अपनी आंखों से नहीं देख सकते.।।   जैसे  फूलों में खुशबु है उसे हम देख नहीं सकते। उसका अस्तित्व नहीं है, पर हम उनको महसूस कर सकते हैं। उसी तरह आत्मा को महसूस किया जाता है। परमात्मा को भी महसूस किया जाता है।

    कैरेलिअन कैमरे से मनुष्य के शूक्ष्म शरीर का  (Aura )  जिसे हम प्रकाश का शरीर कहते है उसका फ़ोटो लिया जा सकता है। आत्मा शरीर में विद्यमान है जो एक Aura का निर्माण करती है, जोकि प्रत्येक मनुष्य का स्लग अलग व्यास का होता है।  जिसे हम प्रकाश की काया भी कहते हैं। यह शरीर के बाहर एक ई च से लेकर 4 या 5 इंच तक भी हो सकता है।
☀ आत्मा के विषय में श्रीमद्भगवद्गीता कहती है:-
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 23)
   आत्मा को न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है। वह कभी मरती नहीं। समाप्त नही होती। 
    आत्मा एक शरीर छोड़ती है तो दूसरा शरीर धारण करती है,कुछ बालक को अपने past life के बारे में सारी जानकारी होती है। उनकी बाते सारी सही पाई जाती है । इसके इलावा जब किसी कि death होती है और थोड़ी देर मे वापस जान आ जाती है। तो वो इन्सान सबको बताता है कि शरीर से निकलने के बाद मैंने ये ये देखा तो ये किसने देखा शरीर तो मर गया था । तो ये आत्मा ने देखा।

   इसे प्रूफ करने के लिए मनोचिकित्सक  Hypnotism का मन की गति को धीमी कर देते है और पिछले जन्म में ले जाते हैं।   तो patient को उनका past birth याद आने लगता है। जब पिछले जन्म में किसी व्यक्ति को ले जाते है उसे पास्ट लाइफ हिप्नोटिक  रिग्रेशन कहते हैं , पिछले जन्म में वह किसी ओर शरीर में अलग  पार्ट प्ले कर रहा था। पिछले कई जन्म की भाषा व समय व लिंग भी बताते हैं।।    
    जिस तरह एक उपकरण को चलाने के लिए ऊर्जा की आवश्कता होती है उसी प्रकार शरीर को चलाने के लिए भी ऊर्जा की जरूरत पड़ती है।इसे ही आत्मा कहते हैं। 

     रेमण्डस मूडी ने "मौत के बाद पुनःजीवन" Life After Death  पुस्तक लिखी है l जिसमें अनेको  जो मरने के बाद जीवित होने के अनुभव दिए हैं। अमेरिका के एक मरीज 'जोन ली' मृत घोषित होने के पश्चात जीवित हो गया उन्होंने अपना अनुभव बताया है :
कि उसने देखा पाँच तत्वों की काली गुफा में मैं एक सफेद लाईट हूँ l इस के बाद उसने को सफेद लाईट और आगे लाल सुनहरे प्रकाश  की दुनिया दिखी l वहाँ सुन्दर प्रकाशमय ज्योति थी, जो मुझे सुख, शांति अनुभव करा रही थी l थोड़ी देर में मुझे सुनाई दिया कि इस शरीर के  कर्म बंधन पूर्ण नहीं हुए है l अतः इसे वापस भेजा जाए है। वह पुनः इस शरीर मैं आ गया।
ऐसे अनेक उदाहरण है, जो शरीर मे आत्मा के अस्तित्व को साबित करते हैं।
आगे फिर चर्चा करेंगे... 

       💃💃कमलेश अरोड़ा💃💃


        कमलेश अरोरा
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रचनाएँ
थोड़ा रूहानी हो जाएं...
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तू वही है वही है नहीं है जिसकी चाहत थी सदियों से हर कौम की तू वही है, वही है,वही है वही... तू ही रूहों का मालिक पिता और गुरु, पूरा होता तुमसे सफर ये, खत्म और शुरू, परवरिश दे रही तेरी मौजूदगी तू वही है वही है वही है वही.... तेरा आगाज, अंजाम, इंसाफ है, गलतियां करता सबकी, तू Tही माफ है, तेरी चुप्प,तेरी रहमत,तेरी सादगी. तू वही है वही है वही है वही... तेरीआयत, इनायत, फरमान है पूरा होता सफर अब ये पैगाम है, कब्र दाखिल रूहों में है छाई खुशी, तू वही है वही है वही है वही तू वही है वही है वही है वही हम किसे ढूंढ रहे हैं कौन है हमारा अपना हम कौन हैं हम कहां से आए हैं और हमें कहां जाना है हाय प्रत्येक मनुष्य की यही खोज है वह उस परमात्मा खुदा अल्लाह गॉड को दर-दर भटक भटक कर ढूंढ रहा है लेकिन वह कहीं नहीं मिलता उसे पाने के लिए हमें सबसे पहले अपने अंतर में झांकना होगा अपनी आत्मा को अपनी रूह को पहचानना होगा । तभी हम रूहों के मालिक रूहों के पिता को ढूंढ पाएंगे उससे मिल पाएंगे इस पुस्तक में मैंने अपने अंदर की खोज को प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है आज पृथ्वी हाहाकार कर रही है और हर प्राणी ईश्वर को पुकारता है। हे प्रभु आओ धरती को पाप से बचाओ विश्व में शांति हो सुख हो मंगल हो। सब का कल्याण करो । ईश्वर परमात्मा खुदा से मिलने के लिए सबसे पहले हमें खुद से अपनी आत्मा से मिलना होगा जब तक हमें खुद की पहचान नहीं है तो हम परमात्मा की पहचान कैसे कर सकते हैं तो आइए थोड़ा रूहानी हो जाइए कमलेश अरोड़ा के साथ......
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तेरा क्या मुझसे नाता है.. थोड़ा रूहानी हो जाए... ❣️❣️❣️❣️❣️❣️

14 सितम्बर 2022
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तेरा क्या मुझसे नाता है..थोड़ा रूहानी हो जाए...❣️❣️❣️❣️❣️❣️आज एक गीत सुन रही थी....तेरा क्या मुझसे नाता है, क्यों इतना प्यार लुटाता है... बाबा ओ बाबा... ❣️❣️❣️❣️❣️

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परमात्मा की सीख और अनुभव-थोड़ा रूहानी हो जाएं🌹🌹🌹🌹🌹🌹

16 सितम्बर 2022
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परमात्मा की सीख और अनुभव 🌹🌹🌹🌹🌹🌹आज मैं एक गीत सुन रही थी.... मत कर तू अभिमान रे बन्दे, झूठी तेरी शान.... 🌹मै शौच रही थी कि

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👑ये दुनिया नही है जागीर किसी की...👑थोड़ा रूहानी हो जाये...

24 अगस्त 2022
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👑👑👑👑 आज मैं ये गीत सुन रही थी... ये दुनिया नही है जागीर किसी की....राजा हो या रंक यहां पर सब है चौकीदार.....&

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🌹देख तेरे संसार की हालत...🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं

22 अगस्त 2022
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आज मैं गीत सुन रही थी....देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान....कितना बदल गया इंसान.... 🌹🌹🌹🌹 🌹मेरे मन में कुछ चिंतन चल रहा था कि आज के युग में इतनी बुराइयां इतन

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🙏तुम्ही हो माता पिता तुम्ही🙏 रूहानी हो जाएं

1 अगस्त 2022
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✳️🙏तुम्ही हो माता पिता तुम्ही..✳️🙏 रूहानी हो जाएं✍️ 🙏✳️🙏✳️🙏✳️🙏✳️🙏"तुम्ही हो माता पिता तुम्हीं हो तुम्हीं हो बंधु सखा तुम्हीं हो.....कौन है वो....आज

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🌹राह बदलें और खुश रहे..🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं..

2 अगस्त 2022
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🌹राह बदलें और खुश रहे...🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹खुश रहना आपका अधिकार है। किसी ने कहा है कि....अगर किसी रास्ते पर सिर्फ और सिर्फ कांटे है। तो आप पूरे रास्ते पर कार्पेट नहीं बिछा सकते।फ

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😢मुखड़ा देख ले दर्पण में..😢

2 अगस्त 2022
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😢मुखड़ा देख ले दर्पण में..😢 थोड़ा रूहानी हो जाएं... मुखड़ा देख ले प्रानी ज़रा दरपन में, देख ले कितना पुण्य है कितना पाप तेरे ज

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🌹आत्मा और शरीर🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं..

4 अगस्त 2022
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🌹आत्मा और शरीर🌹 थोड़ा रूहानी हो जाएं.. 🌹🌹🌹🌹सोचिये शरीर और आत्मा का आपस में क्या संबंध है।उत्तर :शरीर और आत्मा का संबंध इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं,

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✳️ वो घर बहुत हसीन है✳️ थोड़ा रूहानी हो जाए..

4 अगस्त 2022
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✳️ वो घर बहुत हसीन है✳️थोड़ा रूहानी हो जाए.. ✳️✳️ ✳️✳️ ✳️✳️✳️आज मैं एक गीत सुन रही थी। बोल थे: "ये तेरा घर ये मेरा घर,किसी को देखना हो अगर, तो पहले आके मांग ले, मे

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✴️ मित्र कौन, दुश्मन कौन✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं....

6 अगस्त 2022
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भ्रकुटी के मध्य सितारा ✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं.....

5 अगस्त 2022
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✴️भ्रकुटी के मध्य सितारा ✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं..... ✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️ पंच तत्व की बनी चदरिया, चदरिया झीनी रे झ

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