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तेरा क्या मुझसे नाता है.. थोड़ा रूहानी हो जाए... ❣️❣️❣️❣️❣️❣️

14 सितम्बर 2022

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तेरा क्या मुझसे नाता है..
थोड़ा रूहानी हो जाए...
❣️❣️❣️❣️❣️❣️

आज एक गीत सुन रही थी....
तेरा  क्या मुझसे नाता है, क्यों इतना
 प्यार लुटाता है... बाबा ओ बाबा...
      ❣️❣️❣️❣️❣️
     क्या नाता है , हमारा परमात्मा से? पितु, मात, सहायक, बन्धु सखा, स्वामी, मालिक या मालिक का। हम परमात्मा से कौनसा रिश्ता रखे, अकसर हम इस दुविधा में रहते हैं।
क्योंकि उससे तो कोई भी रिश्ता रख सकते हैं। पितु, मात, सहायक, बन्धु सखा, स्वामी, मालिक का। परन्तु हर रिश्ते का महत्व अलग है। उसके कायदे अलग हैं। उसके साथ का जुड़ाव अलग है। 

वैसे तो हमारा रिश्ता परमात्मा के साथ पिता का ही है। क्योंकि हर आत्मा परमात्मा का बच्चा है।  किंतु सृष्टि में जन्म लेने के कारण हमारा रिश्ता सभी आत्माओं के साथ आत्मिक रूप में भाई बंधु का होता है।  जो भी जन्म में आता है, निश्चित ही मरण में भी आएगा। चाहे देवतागण हो, मनुष्य हो ।  परमात्मा ही एक ऐसी इकाई है जो जन्म नही लेता तो मरण में भी नही आता। 

बस सवाल ये है कि हमे परमात्मा को पिता रूप क्यो याद करना चाहिये..... वैसे  तो किसी रूप में याद करे वो हाजिर होता है। क्योंकि भ हाजिर हजूर है..... परन्तु पिता रूप में याद करने में ज्यादा फायदा है....
आइये इसे उदाहरण के साथ समझते हैं:

1.     मेरे घर एक भिखारी आया और कुछ देने का अनुग्रह विनय कर के लगा। मेरा उसके साथ कोई रिश्ता नहीं। बस दया क्या कृपा का नाता है।
मैन उसे 10 रुपये दिये, पर वह कुछ ज्यादा चाहता था। उसने  बहुत विनय की।फिर मैंने उसे 100 रुपये देकर हाथ जोड़ दिये। वह खुश होकर, दुआएं देकर चला गया।

2.   फिर एक दिन मेरा ड्राइवर कहने लगा कि उसकी बेटी की शादी है।मेहर हो जाये तो ।  मेरा उसके साथ कोई रिश्ता नही। गाड़ी के मालिक का रिश्ता है।  मैन उसे 5100 रुपये दिए। वह बहुत खुश हुआ। और दुआएं देने लगा।
   
 3.    पिछले 20 वर्ष से खाना बनाने और घर के सारे काम मे मुझे सदा सहयोग करने वाली मेरी मेड ने एक दिन मेरे घर में  बताया कि वह घर खरीद रही है। उसे पहले कुछ डाउन पमेन्ट करनी होगी, फिर बाकी बैंक से लोन लेकर किस्तों पर उसका घर बन जायेगा। उसे कुछ सुपोर्ट यानी हेल्प चाहिये। उसने सदा हर सम्भलने और घर के कामो में मेरी मेरी हेल्प  दिल से की थी। 30 साल में दिल का रिश्ता जुड़ गया था। मुझे खुशी हुई उसका घर बन जायेगा। मैन उसे 50 हजार की मदद की। वह बहुत खुश हुई और दुआएं देने लगी।

 4.    एक दिन मेरे एक दोस्त ने कहा कि उसे अपने बेटे को बाहर देश पढ़ने भेजना है। कुछ पैसों का बंदोबस्त करना है, तुम सपोर्ट करो। मैं जल्द लौट दूंगा।  दोस्ती एक ज्ज्बव्हे, एक दूसरे के सुख दुख में साथ देने का ।  वह मेरे कसम आता है मैं उसके। तो मैंने उसे 2.00 लाख खुशी से उधार दे दिए। उसने समय पर लौट भी दिये।
 5.     एक दिन मेरे भाई ने भी घर खरीदने के लिये मदद मांगी और लौटाने का आश्वासन दिया। माता पिता द्वारा दिया खून का रिश्ता है। प्यार्वक बन्धन है। मैनी उसे 10.00 लाख  की हेल्प की । पता है लौट देगा। उसने भी समय पर लौट दिये।
6.     मैने बेटी की शादी धूमधाम से की और यथाशक्ति उसका  कन्या दान किया। बेटी बेटी को भी घर लेना था । तो मैंने अपनी भावना से, उसे  सुपोर्ट के लिये 25.00 लाख खुशी से दिया की उसका हक़ है।कहा कि तुम्हारा हक़ है।  (परंतु अक्सर हम हक कहकर देते है और खुद को महान समझते हैं। अगर हक़ की बात करे तो पुत्र के बराबर हिस्सा बनता है। पर थोड़ा देकर खुश हो जाते है। )
      
 7.     मेरे पुत्र की भी शादी हो गए। जॉब के कारण वह बाहर रहता है और उसने किराये घर ले रखा था। मैं उसे कहता कि तुम घर खरीद लो अपना। वह कहता कि अभी व्यवस्था नही है, खरीद नही पाऊँगा। मैनी उसे कहा कि तुम क्यो चिंता  करते हो। सब तुम्हारा है, तुम्ही वारिस हो। मैन उसे 1.00 करोड़ घर खरीदने  के लिये दे दिए।  सोच की ठाकुर तो उसी का है सब। वारिस  तो वही है। बेटी तो पराये घर की मानी जाती है।  इसलिये मां विरासत भी नही दे सकती। विरासत पिता से मिलती है।

   ऊपर के सभी दृश्टान्त में, मैंने रिश्तों के अलग अलग पैमानों का वर्णन किया है।
   अब सोचे कि यदि हम ईश्वर से सेवक का रिश्ता रखते है, तो कितना हक़ होगा। यदि दोस्त का रखते है तो कितना हक़ है,  यदि भाई का रखते हैं तो कितना हक़ है, यदि पुत्री का है तो कितना हक़ है(पुत्री को दूसरे घर की कह देते हैं) । जैसा कि माता विरासत देने का अधिकार नही रखती। वह तो पालनकर्ता है। 
   किन्तु पिता पुत्र का रिश्ता है पूर्ण हक़ और विरासत का रिश्ता है। पुत्र चल अचल का सम्पत्ति का वारिस होता है। तो सबसे लाभदायक रिश्ता तो पुत्र का हुआ न। चाहे पुत्र अडॉप्टेड ही हो।
      तो मेरे विचार में हमे ईश्वर या परमात्मा से पिता का रिश्ता रखना चाहिये और उसके नियम कायदे सही चलना चाहिये। तभी हम वारिस बच्चे बनेंगे। हम उसकी ऋद्धियों, सिद्धियों के हक़दार है। वह हमें सारी खुदाई और स्वर्ग की विरासत देता है। उसकी सारी ब्लेसिंग्स और सारी दुआओं पर हमारा एकाधिकार होता है। वह हमें देवता बनाकर सतयुग यानी स्वर्ग का अधिकारी बनाता है।
      जैसी भावना से जो भी रिश्ता आप चाहे उससे कायम रख सकते हैं । लेकिन अगर पिता का रिश्ता बनाना है तो सपूत बनना होगा। क्योंकि कपूत कुल घातक को तो माता पिता भी बेदखल कर देते हैं।  परमात्मा भी कपूत बच्चों को स्वर्ग की विरासत से बेदखल कर देता है।
   रिश्ते की अहमियत समझे और सच्चे सच्चे वारिस बच्चे बने।

      कमलेश अरोड़ा
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रचनाएँ
थोड़ा रूहानी हो जाएं...
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तू वही है वही है नहीं है जिसकी चाहत थी सदियों से हर कौम की तू वही है, वही है,वही है वही... तू ही रूहों का मालिक पिता और गुरु, पूरा होता तुमसे सफर ये, खत्म और शुरू, परवरिश दे रही तेरी मौजूदगी तू वही है वही है वही है वही.... तेरा आगाज, अंजाम, इंसाफ है, गलतियां करता सबकी, तू Tही माफ है, तेरी चुप्प,तेरी रहमत,तेरी सादगी. तू वही है वही है वही है वही... तेरीआयत, इनायत, फरमान है पूरा होता सफर अब ये पैगाम है, कब्र दाखिल रूहों में है छाई खुशी, तू वही है वही है वही है वही तू वही है वही है वही है वही हम किसे ढूंढ रहे हैं कौन है हमारा अपना हम कौन हैं हम कहां से आए हैं और हमें कहां जाना है हाय प्रत्येक मनुष्य की यही खोज है वह उस परमात्मा खुदा अल्लाह गॉड को दर-दर भटक भटक कर ढूंढ रहा है लेकिन वह कहीं नहीं मिलता उसे पाने के लिए हमें सबसे पहले अपने अंतर में झांकना होगा अपनी आत्मा को अपनी रूह को पहचानना होगा । तभी हम रूहों के मालिक रूहों के पिता को ढूंढ पाएंगे उससे मिल पाएंगे इस पुस्तक में मैंने अपने अंदर की खोज को प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है आज पृथ्वी हाहाकार कर रही है और हर प्राणी ईश्वर को पुकारता है। हे प्रभु आओ धरती को पाप से बचाओ विश्व में शांति हो सुख हो मंगल हो। सब का कल्याण करो । ईश्वर परमात्मा खुदा से मिलने के लिए सबसे पहले हमें खुद से अपनी आत्मा से मिलना होगा जब तक हमें खुद की पहचान नहीं है तो हम परमात्मा की पहचान कैसे कर सकते हैं तो आइए थोड़ा रूहानी हो जाइए कमलेश अरोड़ा के साथ......
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तेरा क्या मुझसे नाता है.. थोड़ा रूहानी हो जाए... ❣️❣️❣️❣️❣️❣️

14 सितम्बर 2022
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तेरा क्या मुझसे नाता है..थोड़ा रूहानी हो जाए...❣️❣️❣️❣️❣️❣️आज एक गीत सुन रही थी....तेरा क्या मुझसे नाता है, क्यों इतना प्यार लुटाता है... बाबा ओ बाबा... ❣️❣️❣️❣️❣️

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परमात्मा की सीख और अनुभव-थोड़ा रूहानी हो जाएं🌹🌹🌹🌹🌹🌹

16 सितम्बर 2022
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परमात्मा की सीख और अनुभव 🌹🌹🌹🌹🌹🌹आज मैं एक गीत सुन रही थी.... मत कर तू अभिमान रे बन्दे, झूठी तेरी शान.... 🌹मै शौच रही थी कि

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👑ये दुनिया नही है जागीर किसी की...👑थोड़ा रूहानी हो जाये...

24 अगस्त 2022
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👑👑👑👑 आज मैं ये गीत सुन रही थी... ये दुनिया नही है जागीर किसी की....राजा हो या रंक यहां पर सब है चौकीदार.....&

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🌹देख तेरे संसार की हालत...🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं

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आज मैं गीत सुन रही थी....देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान....कितना बदल गया इंसान.... 🌹🌹🌹🌹 🌹मेरे मन में कुछ चिंतन चल रहा था कि आज के युग में इतनी बुराइयां इतन

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🙏तुम्ही हो माता पिता तुम्ही🙏 रूहानी हो जाएं

1 अगस्त 2022
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✳️🙏तुम्ही हो माता पिता तुम्ही..✳️🙏 रूहानी हो जाएं✍️ 🙏✳️🙏✳️🙏✳️🙏✳️🙏"तुम्ही हो माता पिता तुम्हीं हो तुम्हीं हो बंधु सखा तुम्हीं हो.....कौन है वो....आज

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🌹राह बदलें और खुश रहे..🌹थोड़ा रूहानी हो जाएं..

2 अगस्त 2022
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🌹राह बदलें और खुश रहे...🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹खुश रहना आपका अधिकार है। किसी ने कहा है कि....अगर किसी रास्ते पर सिर्फ और सिर्फ कांटे है। तो आप पूरे रास्ते पर कार्पेट नहीं बिछा सकते।फ

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😢मुखड़ा देख ले दर्पण में..😢

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😢मुखड़ा देख ले दर्पण में..😢 थोड़ा रूहानी हो जाएं... मुखड़ा देख ले प्रानी ज़रा दरपन में, देख ले कितना पुण्य है कितना पाप तेरे ज

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4 अगस्त 2022
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🌹आत्मा और शरीर🌹 थोड़ा रूहानी हो जाएं.. 🌹🌹🌹🌹सोचिये शरीर और आत्मा का आपस में क्या संबंध है।उत्तर :शरीर और आत्मा का संबंध इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं,

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✳️ वो घर बहुत हसीन है✳️ थोड़ा रूहानी हो जाए..

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✳️ वो घर बहुत हसीन है✳️थोड़ा रूहानी हो जाए.. ✳️✳️ ✳️✳️ ✳️✳️✳️आज मैं एक गीत सुन रही थी। बोल थे: "ये तेरा घर ये मेरा घर,किसी को देखना हो अगर, तो पहले आके मांग ले, मे

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✴️ मित्र कौन, दुश्मन कौन✴️ थोड़ा रूहानी हो जाएं....

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