एक लड़की किसी एक इंसान के लिए, अपना पतिवार,अपने रिश्ते नाते छोड़कर छोड़ कर इस उम्मीद से आती है, कि उसका एक सच्चा साथी सुख-दुख बांटने वाला खुशियां देने वाला सहयोगी होगा। वह नए रिश्तो को अपनाकर सभी को खुशियां देने , घर को सजाने संवारने की कोशिश करती है। उसे पता ही नही चलता कब वह खुद को ही भूल जाती है। उसे खुद के बारे सोचने का वक्त कब मिलता है। वह तो पति, परिवार और बच्चों के लिए अपनी ख्वाहिशों, उम्मीदों और इच्छाओं की कुर्बानी दे खुसी पूर्वक दे देती है । पर उसे कोई नही समझता। यहां तक कि एक दिन बच्चे भी अपनी दुनिया मे मस्त हो जाते हैं। तब उसे महसूस होता कि अब वह तक गई है, उसका वजूद कुछ भी नहीं। फिर वह स्वयं को खोजती है, पर वह खो चुकी होती है खुद को। इस पुस्तक में कविताओं के माध्यम से नॉरी के अंतर्मन को उजगर करने का प्रयास किया गया है।
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