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माँ का यक़ीन

24 मई 2016

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ख़ुश हो जाती है मेरी माँ
जब उसको wish करता हूँ happy mother's day

क्योंकि भागती हुई ज़िंदगी की दौड़ में
बेमंज़िल सी किसी रेस की होड़ में
उसके बच्चे को फ़ुर्सत कहाँ के पूछ ले कैसी हो माँ
कमाल की बात है कि वो बखूब समझती है ये
उसे शिकवा भी नहीं बिछे हुए फासलों से
भले ही उड़ गया वो दूर अपने घोंसले से
भूला तो न होगा वो पुकार, वो पहली आवाज़ जो
पहचानी थी उसने
उसे यक़ीन है बच्चा उसका, ख़ुश करने इक ज़रा सी बात से
समय निकाल के आवाज़ से मिलने ज़रूर आएगा

ख़ुश हो जाओ माँ...देखो आ गया हूँ कहने
happy mother's day 
अरे! पागल हो क्या...ये आंसू क्यों लगे बहने...

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