तुझसे इक रोज मिलने के बाद,
तुझसे दो घड़ी बात करने के बाद,
मैं तेरा हर बार हो जाऊंगा,
मैं तेरे शहर में मशहूर हो जाऊंगा।
तू भूल जाएगी मुझे फिर भी में याद करुंगा,
तेरा नाम लिखूंगा और और उसे बार बार पढ़ा करुंगा,
तेरा मैं इस कदर हो जाऊंगा,
मैं तेरे शहर में मशहूर हो जाऊंगा।
तेरी तस्वीर देखकर हर रोज अपने दिन की शुरुवात करुंगा,
तू हरगिज नहीं चाहेगी मुझे तब भी मैं तुझे याद करुंगा,
तेरे लिए शेर लिखूंगा और हर वादा अदा कर जाऊंगा
मैं तेरे शहर में मशहूर हो जाऊंगा।
इक रोज तूझसे मुझे भी नफरत सी हो जाएगी,
मैं चाहूंगा भी तो तेरे लिए मुझसे दुआ न हो पाएगी,
तेरा नाम लेकर में तेरे शहर में बदनाम हो जाऊंगा,
मैं तेरे शहर में मशहूर हो जाऊंगा।
फिर तू चाहेगी भी मैं तेरा कभी न हो पाऊंगा,
वफा तो होगी फिर तुझे भी पर मैं पत्थर ए सलीक हो जाऊंगा,
तेरा ना होकर भी मैं तेरा हो जाऊंगा क्योंकि,
मैं तेरे शहर में मशहूर हो जाऊंगा।
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