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"माया" से कोई बच न पाया ,इस दुनिया मे जो भी आया !सब पर फैला इसका साया ,हर पल इसने सद्गुण खाया !यौवन भी इससे जीत न पाया,हो विरक्त या फिर गृहस्थ काया !कोई भी इसका पार न पाया,"माया" से कोई बच न पाया !!