shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

मंगलम् भारत की डायरी

मंगलम् भारत

4 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

 

mangalm bharat ki dir

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

योगा से होगा

25 फरवरी 2017
0
2
2

योगा से होगा?योग !!! योग, सुबह पाँच बजे किसी घर सेआती फू फाँ की आवाज़ से ज़्यादा जगह नहीं बना पाया था। परन्तु आज तो फ़ेसबुक कीफ़ीड से लेकर प्रधानमंत्री की ट्वीट तक, सब जगह योग ही योग छाया हुआ है। मेरा भी मन किया योगको जानने का कि योग आख़िर होता क्या है, तो एक खोजी वेबसाइट ने तो योग के ऐसे ऐसे मतलब स

2

क्या धर्म बौद्धिकता की अवहेलना करता है?

26 फरवरी 2017
0
2
0

क्या धर्म बौद्धिकता की अवहेलना करता है? भगवान श्रीकृष्ण गीता में अर्जुन से कहते हैं, साधुजनों के उद्धार के लिये, दुष्कर्म करने वालों का विनाश करने के लिये और धर्म की स्थापना के लिये मैं पल-पल में प्रकट होता हूँ। मैं पूरे विषय को केवल दो पंक्तियों में समाप्त कर सकता हूँ। अगर आप

3

खुला ख़त, आपकी (ज़ीरो बटे सन्नाटा) इण्टरनेट स्पीड के नाम

28 फरवरी 2017
0
2
0

नमस्कार!!! खुला ख़तपिछले कुछ समय से ट्रेंड पर चल रहा है। मुख्यतः ये ख़त किसी (गैर) ज़िम्मेदार संस्थाको उससे त्रस्त एक अस्तित्त्वहीन(मान लो) मानुस के बीच संवाद स्थापित करने का साधनहोता है, जिसको (गैर) ज़िम्मेदार संस्था को छोड़कर बाकी सब पढ़ लेते हैं। आज अपनी ज़िन्दगीसे त्रस्त होकर मैंने भी एक ख

4

Manglam Bhaarat: Script of Street Play

2 अप्रैल 2017
0
0
0

(अरे आ गए आ गए नुक्कड़िये, देखो आ गएआ गए नुक्कड़िये)-2 (अरे दिलों पे छा गए नुक्कड़िये, देखोआ गए आ गए नुक्कड़िये) (अरे आ गए आ गए नुक्कड़िये, देखो आ गएआ गए नुक्कड़िये) अरे सीना ठोंक के बोलेंगे, दिल कीपरतें खोलेंग

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए