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मन्नू पाल के बारे में

हम आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते हे , क्युकी दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमे आता नही ..।

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मन्नू पाल की पुस्तकें

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मन्नू पाल के लेख

बुराई पर अच्छाई की विजय

10 जनवरी 2017
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एक जंगल में एक भेड़िया रहता था वह बहुत ही धूर्त और चालाक स्वाभाव का था जंगल के सारे जानवर उसके व्यवहार को जानते थे कोई भी जानवर उससे दोस्ती नही करना चाहता था लेकिन जब जंगल में कोई भी नया जानवर रहने आता था तो तो वह दुष्ट भेड़िया अपनी मीठी मीठी बातो से बहका कर दोस

एक चिनगारी घर को जला देती है

4 नवम्बर 2015
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एक समय एक गांव में रहीम खां नामक एक मालदार किसान रहता था। उसके तीन पुत्र थे, सब युवक और काम करने में चतुर थे। सबसे बड़ा ब्याहा हुआ था, मंझला ब्याहने को था, छोटा क्वांरा था। रहीम की स्त्री और बहू चतुर और सुशील थीं। घर के सभी पराणी अपना-अपना काम करते थे, केवल रहीम का बूढ़ा बाप दमे के रोग से पीड़ित होन

कहानी- एक बेटा की ख्वाहिश

21 अक्टूबर 2015
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एक व्यक्ति आफिस में देर रात तक काम करने के बाद थका-हारा घर पहुंचा . दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि उसका छोटा सा बेटा सोने की बजाय उसका इंतज़ार कर रहा है . अन्दर घुसते ही बेटे ने पूछा —“ पापा , क्या मैं आपसे एक प्रश्न पूछ सकता हूँ ?” “ हाँ -हाँ पूछो , क्या पूछना है ?” पिता ने कहा . बेटा – “ पापा , आप ए

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