पहली मुलाकात
कशिश जो कि एक फोटोग्राफर है। वह उज्जैन की नदी के किनारे फोटो ले रही थी तभी वह देखती है कि एक लड़का मदहोश होकर नदी के गहराइयों के बीच जाता जा रहा था उसे अपना होश नहीं था मदहोशी में खोया हुआ था उससे कुछ ख्याल नहीं आ रहा था कि वह क्या कर रहा है। बस नदी की ओर आगे बढ़ता जा रहा था।
यह देखकर कशिश घबरा गई उसे लगा कि वह अपनी जान देने जा रहा है। उसने पीछे से उसे आवाज लगाई पर वह अपने आप में इतना खोया हुआ था कि उसे किसी की आवाज सुनाई नहीं दी और धीरे-धीरे नदी का पानी उसके सर तक आ चुका था।
कशिश को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो वह भागते हुए जाकर उसका हाथ पकड़कर नदी के किनारे खींच लाया।
और उसके ऊपर चिल्लाने की लगी।
तुम पागल हो क्या ? तुम्हें समझ में नहीं आ रहा तुम क्या कर रहे हो, तुम क्यों अपनी जान की दुश्मन बने हुए हो।
तुम खुद को मारना क्यों चाहते हैं? क्या तुम्हें बिल्कुल भी अपनी जिंदगी से प्यार नहीं है ?
अपने घरवालों से तुम्हें बिल्कुल लगाव नहीं है क्या? तुम्हें एक बार भी अपने घर वालों के बारे में नहीं सोचा... तुम्हारे मां-बाप तुम्हारे भाई बहन तुम्हारे बिना क्या करेंगे।
कशिश उस पर चिल्ला ही रहीं थी लेकिन वह खामोशी से अपना सर झुकाए उसकी बात सुन रहा था लेकिन उसने कशिश से कुछ नहीं बोला।
कशिश उस से बोलने लगी तुम्हारे मां-बाप और तुम्हारे भाई-बहन का क्या होगा तुम्हारे बिना...यह सोचा है तुमने ।
यह सुनकर वह लड़का बड़ी धीमी आवाज में उससे कहा सही कह रही हो आप मेरे मां-बाप भाई बहन क्या करेंगे मेरे बिना यह कहते समय उसकी आँखों से दर्द झालक रहा था। जिसे देख कशिश बहुत हैरान थी
फिर वह लड़का गहरी सांस लेते हुए कशिश को शुक्रिया कहा और उससे कहने लगा कि मैं खुदकुशी नहीं कर रहा था।
इतना कह कर वह आगे बढ़ गया... उसके जाते ही कशिश यह सोच में गुम हो गई कि इसे देखकर तो लगता ही नहीं कि सच में ये खुदकुशी करना चाहता था
कशिश इस सोच मे गुम ही थी, कि उसे अचनाक ख्याल आया कि वह लड़का आगे निकाल चुका था। कशिश उसे आवाज लगाते हुए उसे रोकने की कोशिश करने लगी।
क्योंकि कशिश को यह जानने कि इच्छा हुई, जब वह खुदखुशी करना ही नहीं चहता था तो वह यहां पर आकर नदी की गहराई में क्यों जा रहा था।
क्या हुआ होगा उसके साथ? कौन सी ऐसी बात है जो उसे अंदर ही अंदर साता रही है?कई सवाल कशिश के मन में उठ रहे थे।
कशिश के कई बार आवाज लगाने पर भी उस लड़के ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, तब कशिश उसकी और भागकर उसे रोका और उस से कुछ सवाल करने लगी।
क्या मैं तुमसे कुछ बात पुछ कर सकती हूं अगर तुम्हें बुरा नहीं लगे तो ? तब उस लड़के ने कहा अभी मुझे कोई बात नहीं करनी है। आप मुझे अकेला छोड़ दीजिए।
फिर कशिश ने उससे कहा मैं आपका ज्यादा टाइम नहीं लूंगी , तब वह लड़का बोलता हैं मुझे माफ कर दीजिए मुझे बहुत देर हो गई है मुझे जल्दी अपने घर जाना है मेरे भाई बहन मेरा घर में इंतजार कर रहे होंगे। उनको बहुत चिंता हो रही होंगी मेरी आप मुझे माफ कर दीजिए यह कह कर लड़का अपने घर की ओर चला गया ।
उसके बाद कशिश हुई अपनी हॉस्टल के लिए निकल गई और हॉस्टल जाकर उस लड़की के बारे में सोच रही थी
यह सोच ही रही थी तभी पीछे से उसकी रूममेट आकर उसे आवाज दी,कशिश खाना खाने का टाइम हो रहा ।
फिर वह दोनों मेष पहुंचकर खाना खाने लगी। उस टाइम भी कशिश सोच में ही गुम थी ,तब उसकी रूममेट मेघा ने उससे पूछा क्या बात है कशिश ? जब से तुम बाहर से आई हो कुछ खोई खोई लग रही हो।
तब कशिश ने मेघा को आज की सारी बात बताई तब मैघा ने उससे कहा तुम परेशान मत हो
यहां तो परेशानी मे कोई भी ऐसा कदम उठा लेता है तुम अपना काम करो बाकी की बातें भूल जाओ वैसे भी यह तुम्हारी उससे पहली मुलाकात थी तो उसके बारे में इतना मत सोचो।
यह समझाते हुए मेघा ने कशिश को बोला दूसरों के बारे में सोचते रहोगे तो तुम अपने काम पर ध्यान कैसे दे पाऊंगी
तुम चिंता मत करो खाना खाओ आराम कर लो वैसे भी आज तुमने बहुत काम किया होगा
फिर वह दोनों अपने रूम में जाकर सो गई