मासूम बन के बहुत दिल तोड़ लिए साहिब,
अब गुनाह कबूलने का है वक्त आ गया.
आग इश्क की लगाईं जो है दिल में मेरे,
उस आग में जलने का तेरा वक्त आ गया.
ना जियेंगे हम ना तुम ही यूँ जी पाओगे,
खेल आग का है इससे यूँ बच ना पाओगे.
आसान है आग दिल में लगा देना किसी के,
यूँ तुम भी ना बचोगे उन शोलों से किसी के. (आलिम)