shabd-logo

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो

29 नवम्बर 2015

175 बार देखा गया 175

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।

चाहे हो खुशी के पल

चाहे हो गम के बल

तुम चूम ही जाते हो

जमी का वो गुलशनी तल

क्यों न आने से पहले

तुम अपने को जीत लो

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।

पल पल तुम मेरे पास रहते हो

जिन्दगी के हर मोड़ पर साथ देते हो

मन को रुलाने के लिए

निकल मेरे नैनों से लेते हो

जिन्दगी हो अपनी अपनों के लिए

ऐसी भर मन मेरे में प्रीत दो

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।

मानते हैं मान गये

जानते हैं जान गये

गमों की दुनिया में

भूल अपनी वो शान गये

अब तो चाहत यही है

सोनू की कलम में भर अनन्त प्रीत दो

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।


मेम

सुशील कुमार आर्य की अन्य किताबें

वर्तिका

वर्तिका

"मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो", सुन्दर भावाभिव्यक्ति!

30 नवम्बर 2015

3
रचनाएँ
sudhanshi
0.0
मेरी अभिव्यक्ति मेरी अभिलाषा
1

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो

29 नवम्बर 2015
0
2
1

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लोमेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।चाहे हो खुशी के पलचाहे हो गम के बलतुम चूम ही जाते होजमी का वो गुलशनी तलक्यों न आने से पहलेतुम अपने को जीत लोमेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।पल पल तुम मेरे पास रहते होजिन्दगी के हर मोड़ पर साथ देते होमन को रुलाने के लिएनिकल मेर

2

दूषित कर दी गंगा

30 नवम्बर 2015
0
1
0

मेरे देश की इन जालिमों नेदूषित कर दी है गंगा।देखकर सुन्दर नारीये बन जाते व्यभिचारीभूल जाते हैं ये मर्यादाजालिम बन जाते बलात्कारीकाम वासना में रहता इनका मन चंगामेरे देश की इन .....................1ऐसे जालिमों को दूर भगा दोसजा में इनको नपुंसक बना दोइनका हक नहीं यहाँ रहने काइनके सिर

3

मेरे दिल का लेकर चैन

4 दिसम्बर 2015
0
1
0

मेरे दिल का लेकर चैनजाने कहाँ वो चले गये।अपनी चाहत का खिलाके फूलप्रेम जाल का बनाके मूलअदाओं पर उसकीमेरा दिल जाता दुनिया भूलबस अब तो आंसू बहाते मेरे नैनमेरे दिल का लेकर चैनजाने कहाँ वो चले गये।उनकी अदाओं में मधु के प्याले थेओठों की सदाओं के अंदाज ही निराले थेउनके यौवन को देखकरहम

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए