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सुशील कुमार आर्य

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सुशील कुमार आर्य की अन्य किताबें

पुस्तक के भाग

1

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो

29 नवम्बर 2015
0
2
1

मेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लोमेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।चाहे हो खुशी के पलचाहे हो गम के बलतुम चूम ही जाते होजमी का वो गुलशनी तलक्यों न आने से पहलेतुम अपने को जीत लोमेरे आंसुओं मुस्कराना सीख लो।पल पल तुम मेरे पास रहते होजिन्दगी के हर मोड़ पर साथ देते होमन को रुलाने के लिएनिकल मेर

2

दूषित कर दी गंगा

30 नवम्बर 2015
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मेरे देश की इन जालिमों नेदूषित कर दी है गंगा।देखकर सुन्दर नारीये बन जाते व्यभिचारीभूल जाते हैं ये मर्यादाजालिम बन जाते बलात्कारीकाम वासना में रहता इनका मन चंगामेरे देश की इन .....................1ऐसे जालिमों को दूर भगा दोसजा में इनको नपुंसक बना दोइनका हक नहीं यहाँ रहने काइनके सिर

3

मेरे दिल का लेकर चैन

4 दिसम्बर 2015
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मेरे दिल का लेकर चैनजाने कहाँ वो चले गये।अपनी चाहत का खिलाके फूलप्रेम जाल का बनाके मूलअदाओं पर उसकीमेरा दिल जाता दुनिया भूलबस अब तो आंसू बहाते मेरे नैनमेरे दिल का लेकर चैनजाने कहाँ वो चले गये।उनकी अदाओं में मधु के प्याले थेओठों की सदाओं के अंदाज ही निराले थेउनके यौवन को देखकरहम

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