मौतत्रासदी बनकर आती है किसी आशियाने के लिए! मृत्यु सिर्फ़ मृत्यु होती है कोई बेगाने के लिए! कौवा जाता है कौवे के यहाँ दुःख बाँटने को आदमी जाता है किसी मौत पर दिखाने के लिए! ख़ुदा का क
नभ को छूती आपकी हर इक बात है! ज़रा बताओ तो किनसे ताल्लुकात है! मैं तो सिर्फ मिट्टी हूँ आपके पैरों की आप बताइये,भला आपकी क्या बिसात है! फ़कीर के यहाँ नंगे पाँव ही आना होगा क्या हुआ जो आप
इस मकान में अब बाक़ी बचा भी क्या है। साझी तमन्नाएँ जल गई धुँआ ही धुँआ है! मेरे बालों ने तेरे काँपते हाथ महसूस किये लगता है आज फिर तुमने तस्वीर को छुआ है! दीया तो यूँ ही बदनाम हो गया बुझ कर