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माईग्रेन (Migraine)(अधकपारी)

25 सितम्बर 2021

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नमस्कार पाठकों ,
माइग्रेन बीमारी का नाम आप सबने सुन रखा होगा , आज जानते हैं इनके लक्षण कारण और बचाब के साथ साथ कुछ फर्स्ट ऐड के बारे में |

इस लेख में चिकित्सीय उपचार या टेस्ट की जानकारी नही है क्योकि वो काम डॉक्टर का है मैं ये अवश्य बताऊंगी की डॉक्टर के पास कब जाना अनिवार्य हो जाता है ताकि आपकी बीमारी विकराल रूप न ले सकें

क्या होता है माइग्रेन

हमारे सिर में मुख्यतः 4 प्रकार के दर्द होते हैं  माइग्रेन, तनाव, साइनस और क्लस्टर |
माइग्रेन एक प्रकार का कष्टदायक सरदर्द होता है ये प्रायः सर के आधे हिस्से को प्रभावित करता है अतः इसको अधकपारी भी बोलते हैं |माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होता है, मानो कोई हथौड़े मार रहा हो |
यह मुख्यतः 2 घण्टे से 72 घण्टे तक बना रह सकता है |
एक आंकड़ें के मुताबिक हर 5 महिलाओ में एक और 15 पुरुषों में एक इस बीमारी से प्रभावित होते हैं |

माइग्रेन के कारण शुरू में हल्का सरदर्द होता है परंतु उपचार न किया गया तो यह तेज़ होता जाता है और असहनीय पीड़ा देता है | सबसे ज्यादा ये मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है |

मुख्यतः माइग्रेन को हम 4 भाग में बांट सकते हैं

पूर्व आभासी माइग्रेन  इसमें माइग्रेन होते समय आखों के सामने धुंधलापन छाने लगता है जैसे थोड़ा थोड़ा प्रकाश आँखों मे चुभ रहा हो |

पूर्व आभासी रहित माइग्रेन इसमें माइग्रेन किसी चेतावनी के संकेतो के बिना उत्पन्न होता है|

सिरदर्द रहित माइग्रेन  इसमें माइग्रेन के सिरदर्द के बिना पूर्वाभास अथवा अन्य लक्षणों का अनुभव होता है|

●कुछ व्यक्तियों में बारंबार माइग्रेन सप्ताह में कई बार होता है अन्य व्यक्तियों में केवल कभी-कभी ही माइग्रेन होता है। माइग्रेन के दौरो की अवधि कई वर्षों तक हो सकतीे है।

क्यों होता है माइग्रेन (कारण) :-
माइग्रेन होने का कोई विशेष कारण पर अभी तक पता नही लगा है पर मुख्यतः सभी शोध से जो बात कॉमन है वो ये है कि  केमिकल लोचा |
माइग्रेन के दौरान इंसान के खून की नलियां फैल जाती हैं और फिर उनमें कुछ खास तरह रासायनिकों का स्त्राव होता है |
जब सिरदर्द की अनुभूति होती है और उस दौरान कोई खून की नली फैल जाती है तो इससे तांत्रिका रेशों पर दबाव पड़ता है|  इस दबाव के कारण केमिकल निकलते हैं जिस वजह से खून की नलियों में दर्द, सूजन और फैलाव होने लगता है| इन कारणों से इंसान को बहुत तेज़ सिर में दर्द होने लगता है|

माइग्रेन होने के कुछ अन्य प्रमुख कारण :-

●तेज आवाज |

●अत्यधिक तनाव|

●तेज़ प्रकाश |

●सामान्य से काफी कम पानी पीना |

●महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन, जैसे कि पीरियड्स, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान प्रोजेस्ट्रोन या एस्ट्रोजन में उतार-चढ़ाव|

●शराब या सिगरेट का अत्यधिक सेवन |

●दिनचर्या (भोजन और सोने) में रोज रोज बदलाव करना|

●दवाईयों का अत्यधिक सेवन|

●लंबा सफर करना |

●तेज सुगंध, एलर्जी ,धुआं|

माइग्रेन के लक्षण :-

अगर किसी व्यक्ति को माइग्रेन के कारण सरदर्द हो रहा है तो उसको निम्न लक्षण है:-

● सरदर्द के साथ उल्टी मतली आना या महसूस होना |

● सरदर्द के दौरान आखों में भयानक दर्द होना यहां तक आँखें बंद करने पर पलकों में भी जलन महसूस होना |

● सरदर्द समुद्र की लहरों की तरह लहराता हुआ महसूस होता है और किसी एक हिस्से को बुरी तरह दर्द महसूस कराता है ऐसा लगता है दर्द गतिमान है|

● तेज़ प्रकाश तेज़ ध्वनि और तेज़ गंध से खुद को दूर हटाना या अतिसंवेदनशील हो जाना |

● माइग्रेन में सफर करने या सीढियां चढ़ने उतरने पर दर्द और भयावह महसूस होता है |

●चक्कर आना या असंतुलित महसूस करना|

●. बार-बार पेशाब आना |

● लो ब्लड प्रेशर होना |

डॉक्टर के पास कब जाएं

अगर माइग्रेन के दौरान आपको निम्न लक्षण मरीज में दिखते हैं तो तुरन्त उसको चिकित्सीय सलाह की आवश्यकता होती है और बिना विलम्ब किये डॉक्टर के पास जाना चाहिए

●अतितीव्र सिरदर्द हो रहा है जो पहले कभी ना हुआ हो|
● इतना तेज दर्द की नींद तक न आ रही हो |
.●दर्द धीर-धीरे बढ़ रहा हो|
● दर्द के दौरान शरीर का संतुलन बिगड़े, बेहोशी लगे, आवाज़ लड़खड़ाए, देखने में परेशानी हो, या जीभ लपलपाए(अतिगम्भीर स्तिथि) |
●अगर दर्द होने से पहले उल्टी हुई हो फिर सिरदर्द हुआ हो|

मुख्यतः सामान्य सरदर्द में डॉक्टर आपको दर्द जैसे पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन देते हैं माइग्रेन के केस में  नेक्सडॉम , वसोग्रेन , नेप्राडी में से कोई दवा उम्र वजन को जानकर उस पावर के अनुसार देते हैं |
नोट :- कोई भी दवा बिना किसी डॉक्टर की सलाह से खुद से न लें

माइग्रेन से बचाव :-

ये मुद्दे की बात है और इस भाग को ध्यान से पढ़ें और अमल में लाएं :-

● व्यायाम रोज करें (कम से कम 30 मिनट) किसी भी प्रकार के सरदर्द के लिए व्यायाम रामबाण इलाज है कपालभाति, अनुलोम विलोम, उद्गीथ, उज्जायी, भ्रामरी आदि योग रोज करने से आप माइग्रेन से लगभग दूर ही रहैंगे |

●पानी खूब पियें दिन में 4 लीटर से ज्यादा पानी पिएं |

● तनाव से दूर ही रहें |

● भोजन एक तय समय पर ही करें वो आपकी दिनचर्या के हिसाब से हो सकता है पर उस एक ही समय पर रोज करें |

● कम से कम 6 घण्टे की नींद बिना अवरोध अवश्य लें |

● सिगरेट पीते हो तो तुरन्त छोड़ें |

● संतुलित आहार लें फ़ास्ट फ़ूड या जंक फूड से दूरी बनाये |

● चाय में अदरक डाल कर पियें या अदरक के टुकड़े को मुह में रखकर उसको चूसें |

● सेब अंगूर इत्यदि फलों का सेवन करें |

इस प्रकार आप माइग्रेन से होने वाले सरदर्द कोहोने से रोक सकते हैं |

अगर आपको बार बार माइग्रेन हो रहा है और आप डॉक्टर के पास न जाकर खुद से इलाज कर ले रहे हैं तो ये आगे चलकर भयानक हो सकता है और ब्रेन स्टोक की संभावना हो बढ़ा देगा | नींद की गोलियों का सेवन करना पड़ सकता है अगर आप लापरवाही करते हैं बार बार माइग्रेन होने पर तो |

स्वस्थ रहें खुशहाल रहें
🙏


इन्दू गुप्ता

इन्दू गुप्ता

बहुत अच्छी जानकारी दी आपने

10 मार्च 2022

Diya Jethwani

Diya Jethwani

बहुत ही उपयोगी लेख लिखा है आपने क्योंकि मैं भी एक अस्थेमिक और माइग्रेन की मरीज हूँ.... मैं कुछ समय पहले तक तो नींद की गोलियों का सेवन भी करतीं थीं...।

28 नवम्बर 2021

वणिका दुबे "जिज्जी"

वणिका दुबे "जिज्जी"

28 नवम्बर 2021

नींद की गोलियां तो खानी ही नही थी एक रोग को दबाने के किये दूसरा पालना नही सही है

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