प्रिय पाठकों आप सब में से बहुत से लोग किसी न किसी चीज को लेकर ऐसे ही डरते हैं चाहे वो चीज हो या न हो |
किसी ना किसी चीज से डर सबको लगता है, मगर जब ये सामान्य से ज्यादा हो जाए तो इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। इस प्रकार के डर को फोबिया कहते हैं आइए जानते हैं फोबिया के बारे में |||
सबसे पहले आपको ये जानना आवश्यक है कि फोबिया और भय में क्या अंतर है :-
फोबिया में व्यक्ति को यह पता रहता है कि उसके डर का कोई तार्किक आधार नहीं है फिर भी वह उसे नियंत्रित नही कर पाता। इस कारण उसकी परेशानी और बढ़ जाती है। इस डर के कारण व्यक्ति उन चीजों, व्यक्तियों तथा परिस्थितियों से भागने का प्रयास करता है जिससे उस भयावह स्थिति का सामना न करना पड़े। जबकी डर एक भावनात्मक रेस्पांस है, जो आमतौर पर किसी से धमकी मिलने या डांट पड़ने पर होता है। ये बेहद सामान्य बात है और कोई बीमारी नहीं है।
फोबिया एक ऐसा मनोविकार है जिसमे फोबिया से पीड़ित व्यक्ति को विशेष क्रियाओं / परिस्थितियों से डर लगने लगता है |
यह एक चिंताजनक स्थिति होती है और फोबिया सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है क्योकि फोबिया में अत्याधिक और ओवर रिएक्शन शामिल होता है। जब डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो वह मानसिक विकार का रूप ले लेता है|
फोबिया के प्रकार :-
डर किसी भी चीज से हो सकता है उसकी उच्चतम सीमा अर्थात फोबिया भी किसी भी चीज से हो सकती है अतः फोबिया कई प्रकार की हो सकती है जिनमे से कुछ प्रमुख हैं
साधारण फोबिया :-
बचपन की कोई बात या स्थान मन में दर पैदा कर देता हैं। यह साधारण फोबिया होता है।यह फोबिया बचपन से होने वाला होता हैं|
जटिल फोबिया :-
यह थोड़ा मुश्किल लेवल होता है और इसमें अवस्था ज्यादा गंभीर होती है।
क्लौस्ट्रफोबिया:-
एक प्रकार का चिंता का विकार होता है, किसी भी तंग जगह जाने पर परेशानी महसूस करना इसका मुख्य लक्षण होता है
एगोराफोबिया:-
किसी एक ही चीज के डर के कारण बाहर निकलना बंद कर दें और उस जगह ही ना जाएं तो यह एगोराफोबिया फोबिया है। 'भीड़ से डर लगना' एगोराफोबिया है।
फोबिया के लक्षण :-
फोबिया डर का उच्चतम रूप होता है| इसका लक्षण व्यवहार में तो दिखाई देता है मगर सामने से देखने में यानी व्यक्तित्व में यह लक्षण नहीं दिखता है इसलिए इसको गंभीरता से लेना चाहिए|
●किसी भी चीज के प्रति तर्कहीन भय|
●किसी भी बात को लेकर अत्यधिक भय|
●उस बात को सहते रहना या फिर हद तक बर्दाश्त करना।
●पूर्वानुमानित चिंता करना।
●आक्रामक रहना।
●ज्यादा घुटन महसूस करना।
●किसी भी डर की चीजें याद करके परेशान हो जाना, बेचैन हो जाना और उस परिस्थिति को नियंत्रित ना कर पाना।
●जिस चीज से डर लगता है वह चीज जैसे ही सामने आती है,घबराहट और चिंता और ज्यादा बढ़ती जाती है | उस स्थिति से बचने के लिए सारी संभव कोशिश करना।
●ब्लड-प्रेशर बढ़ना या कम होना।
●किसी भी अवस्था में बहुत ज्यादा पैनिक हो जाना|
●अलग-अलग आवाजें सुनाई देना और ऐसा बार बार महसूस करना|
●दिल की धड़कन का बढ़ जाना|
●सांस तेज होना और उसकी गति बढ़ना|
●अत्यधिक तनाव,बेचैनी का होना |
●बिन वजह पसीने आना और कोई बात सोचकर ऐसा होने लगना|
●सच्चाई स्वीकार करने से डरना और परिस्थिति से दूर भागना|
●हर वक्त सिर में भारीपन महसूस करना|
फोबिया के कारण :-
जैसा कि आप सब समझ गए होंगे कि फोबिया एक मानसिक बीमारी है अतः इनका जन्म भी हमारी सोच ही है | वैसे तो हर फोबिया के लिए अलग कारण होता है और इसका कोई विशेष कारण नही होता सिर्फ दिमाग मे डर के बैठ जाने के फिर भी जानते हैं कुछ प्रमुख कारण जो फोबिया को जन्म देते हैं :-
●जेनेटिक और पर्यावरण के फैक्टर की वजह से भी आप फोबिया के शिकार हो सकते हैं।
●ऐसे बच्चे जिनके परिवार के किसी सदस्य को एंग्जाइटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) की शिकायत रही हो, वह भी फोबिया के शिकार हो सकते हैं।
● तनाव देने वाली घटनाएं, जैसे किसी की मृत्यु हो जाना, किसी का डूब जाना भी फोबिया को जन्म दे सकती हैं। संकरी जगहों, ऊंची जगहों, जानवरों और कीड़े के काट लेने का भय भी ऐसे फोबिया को जन्म दे सकता है।
●कुछ खास मेडिकल समस्याओं का इलाज करवा रहे लोग भी फोबिया के शिकार हो सकते हैं। ऐसा पाया गया है कि ब्रेन की सर्जरी होने के बाद कई लोगों के मन में अजीब से फोबिया जन्म लेते हैं।
● जरूरत से ज्यादा डांट-फटकार और डिप्रेशन के कारण भी फोबिया हो सकता है।
फोबिया से बचने के उपाय :-
आप निम्न चीजों को अपने दैनिक क्रियाओं में लाकर फोबिया जैसी बीमारी के जन्म को रोक सकते हैं :-
●फोबिया से बचे रहने के लिए आपको मानसिक रूप से बहुत मजबूत होना चाहिए अतः थैरेपीज, व्यायाम, मेडिटेशन, एक्सरसाइज, आर्ट आदि के माध्यम से समस्या को दूर किया जा सकता है।
●फोबिया की समस्या आम समस्या है। ऐसे में इससे लड़ने के लिए आपको खुद ताकत जुटानी होगी।
●अपना ध्यान भटका कर भी आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
● यह एक मानसिक रोग है ऐसे में इसका बचाव भी आपके खुद के पास है।
फोबिया का इलाज-
अगर आपको किसी भी चीज को लेकर हद से ज्यादा डर लगता है तो आपको तुरंत मनो चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए | जहां वह स्थिति के अनुसार दवाइयों या थेरेपी के जरिये उचित इलाज कर सकेंगे |
कुछ फोबिया और उनके नाम :-
Acrophobia- ज्यादा ऊंचाई वाली जगह में डर लगना।Arachnophobia- छिपकली, मकड़ी जैसे छोटे-छोटे जीवों का डर।
Cyanophobia- कुत्तों से डर।
Nyctophobia- अंधेरे से डर।
Aerophobia- उड़ान से डर।
Astraphobia- बिजली चमकने से डर।Mysophobia- जर्म से डर।Trypanophobia- इंजेक्शन से डर।
Amaxophobia - कार ड्राइविंग का डर।Androphobia - आदमी से डर।
Anthrophobia -फूलों से डर।
Anthropophobia - समाज से डर, व्यक्तियों से डर। Aphenphosmphobia - स्पर्श से डर। Arachibutyrophobia - पीनट बटर से डर। Arithmophobia - संख्याओं से डर ।
Atelophobia - अपूर्णता से डर।
Atychiphobia - असफलता से डर।
Autophobia - अकेलापन से डर।
Bibliophobia - किताबों से डर।
Catoptrophobia - दर्पण से डर।
Chromophobia - रंगों से डर। Chronomentrophobia -घड़ी से डर ।Chronophobia - समय से डर।
Domatophobia - घर से डर।
Dystychiphobia - दुर्घटना से डर।
Gamophobia - शादी से डर।
Glossophobia - पब्लिक में बोलने से डर।Gynophobia - महिलाओं से डर।
Hemophobia - खून से डर।
अतः मानसिक रूप से बहुत स्वस्थ रहें | किसी प्रकार की टेंशन हो तो घर मे बताएं |व्यायाम, मेडिटेशन, एक्सरसाइज नियमित करते रहें |
स्वस्थ जीवन सुखी जीवन ✌️
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