यह मोहब्बत भी क्या चीज है, जनाब !
हो भी जाती हैं पता भी नहीं चलता।
उसकी आँखों से मेरी आँखें बात भी कर जाती हैं पता ही नहीं चलता।
उसकी चेहरे की मुस्कान पर मेरी मुस्कान कब फिदा हो जाती हैं पता भी नहीं चलता।
जब उसे देखता हूँ तो एक अरसा बित जाता हैं पता ही नहीं चलता।
कब उसकी नामौजूदगी मेें यह दिल उसके होने का अहसास करा जाता हैं पता ही नहीं चलता।
कब उसकी खट्टी- मिठ्ठी यादों मेें खो जाता हूँ पता ही नहीं चलता।
कब उसके होठों की लालिमा मेरे होठों की लालिमा हो गई पता ही नहीं चला।*
इस सुर्ख गुलाबी गालों वाली कब मेरे दिल में आशियाना कर गई पता ही नहीं चला।
उसकी याद में कब यह चंद पंक्तियाँ लिख दी पता ही नही चला।
✍️Ssingh29😊😊😊😊😊
"मुस्कुराते रहिए और औरों की मुस्कान का कारण बने।
मुस्कराने के लिए एक कारण हजारों गमों पर काफी हैं।"
"मिल जा कोई सपनों की परी या राजकुमार
तो हमें भी इतलाह किजिएगा।
हमें भी रसमलाई से बड़ा प्यार हैं।"😜😘
✍️Ssingh29