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मृत्युंजय राय जन्म स्थान- ग्राम- पिड़ऊथसिंहपुर, जिला-मऊ, उत्तर प्रदेश दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में परास्नातक। सम्प्रति : उत्तर प्रदेश जी०एस०टी० विभाग में कार्यरत । साहित्य में अभिरुचि बचपन से । विभागीय पत्रिका 'संवाद' में पहली कहानी छपी। एक कहानी-संग्रह 'मुझे मंज़ूर है' प्रकाशित । प्रस्तुत कविता-संग्रह कविता के क्षेत्र में प्रथम प्रयास। संपर्क सूत्र - 9450725495

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वेदना का मौन स्वर

वेदना का मौन स्वर

कविताओं का केंद्रीय भाव अक्सर प्रेम ही रहा है। कवियों के लिए भी प्रेम एक शाश्वत विषय रहा है। ऐसे में प्रेमी से बिछड़न या फिर प्रेम में मिली पीड़ा को काव्य बनाने में कवि अपनी सार्थकता समझता है। कवि मृत्युंजय राय के इस कविता-संग्रह ‘वेदना के मौन स्वर’

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प्रिंट बुक:

199/-

वेदना का मौन स्वर

वेदना का मौन स्वर

कविताओं का केंद्रीय भाव अक्सर प्रेम ही रहा है। कवियों के लिए भी प्रेम एक शाश्वत विषय रहा है। ऐसे में प्रेमी से बिछड़न या फिर प्रेम में मिली पीड़ा को काव्य बनाने में कवि अपनी सार्थकता समझता है। कवि मृत्युंजय राय के इस कविता-संग्रह ‘वेदना के मौन स्वर’

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