नारी ही तो है-1
"सृष्टि का सृजन है वो, मातृत्व की अधिकारी ही तो है
नारी ही तो है,
पैदा किया, पाला और बड़ा किया,
घुटनो से चलना सिखाया और पैरों पे खड़ा किया,
तन का उसने खून सुखाया,
स्तन से उसने दूध पिलाया,
सर्द हवाएं झेली उसने,
गर्मी का हमे अहसास कराया,
दूध पिया हमने उसका,
तब जाकर हम मर्द बने,
फिर भी दर्द दिया उसको,
कितनो के हम हमदर्द बने,
हर दर्द सहा उसने वो अबला है, बेचारी ही तो है,
नारी ही तो है"
रचनाकार:- कृष्ण