माँ
"वो अपने दुख मे हसती हैवो मेरे सुख मे हसती हैहो कोई भी दुख मुझेतो वो भी रोती हैंजब तक मै नही होतावो भी नही सोती हैमौत भी टल जाती हैजिसकी दुवाओं सेकोई और नही वोमा ही होती हैहर तकलीफ और दर्द कोजो हसते हुए सह लेती हैहो कितनी भी तकलीफ उसे वो कुछ भी नही कहती हैमिटाने को मेरी भूखजो खुद भूखी रह लेती हैकोई