23 सितम्बर 2015
10 फ़ॉलोअर्स
मुझे हिन्दू होने पर गर्व है।D
प्यार से पुकार लो, जहाँ हो तुम। गोँबिंद जी कह रहे हैँ।।
9 मार्च 2017
बहुत प्रेरक पंक्तियाँ
सही कहा आपने।
आज के युग की सच्चाई दर्शाई है , अब गोविंद कहाँ मिलेंगे ...... अब तो खुद ही को बुलंद करना पड़ता है ....
शुभप्रभात।
जब वो ख़ुशियाँ बांट रहा था।तब मैं आचल ङूङ रहा था।काश कुछ ख़ुशियाँ अपने हाथों मे ले पाता।
जय श्री राम।