मेकानिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत . खेल कूद , साहित्य , संगीत से विशेष प्रेम . पर्यटन , समाज सेवा , में रूचि .
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इस जहां में.. अकेले ही आना है अकेले ही जाना है, किस बात की उम्मीदें किस बात का फसाना है. कितने राज इस जहां में किसी ने नहीं जाना है , बस अपने पीछे कुछ निशान छोड़कर जाना है. .. नरेन्द्र जानी (भिलाई) 🚥 लघु
💤 कड़वा सच 💤 क्या आज रावण मरेगा? या उसका एक शीष बड़ेगा. साल दर साल रावण मृत्यु को तरसता रह जायेगा, पर कलयुग में शायद ही कोई राम बन पायेगा . कलयुग में रावण की पुकार, पहले बेटी बचा फिर मुझे मार. समाज का आईना वीभत्स हो रहा है, नारी का अपमान एवं बेटियों का शोषण हो रहा है. राम बचा नही कलयुग
😢 हां जी हां ..😢ढलता हुआ सूरज हूँ मैं यूं तो वक्त था मेरे ढलने में अभी काफी देर उजाला फैला सकता था ज़माने में, लेकिन कुछ मेरे ताप से बेचैन और कुछ की आशिकी मेरे ढलते हुए सौंदर्य में. सो मैं ढलने को मजबूर अपनी चमक से दूर एक मनोहारी सौंदर्य से भरपूर ढलने की तैयारी कर रहा हूँ, मेरे चाहने वालों अरे
🙏 रिश्ते 🙏कहते हैं रिश्ते मधुर होते हैं, गुलाबों का उपवन और जन्नत की हूर होते हैं. रिश्तों के दूध में खटाई की एक बूंद भी पड़ जाए, तो यही मधुर रिश्ते बड़े क्रूर होते हैं. तब हम कितने मजबूर होते हैं, जब अपनापन खो जाता है और अपने अपनों से दूर होते हैं. कुछ रिश्ते प्रेरणादायी एवं जीवन से भरपूर होते है