सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त रहें, कोरोना जैसी किसी भी महामारी सब मुक्तहों... सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े…भारतीय जीवन दर्शन की इसी उदात्त भावना के साथ पूर्ण हर्ष और उल्लास से वर्ष 2020 को विदा करते हुए आइये स्वागत करें वर्ष 2021 का… सभी को नववर्ष की हर्ष भरी
वर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएँ कोस कोस परबदले पानी, चार कोस पर बानी भारत मेंविभिन्न प्रान्तों व समुदायों के नववर्षआज 2019 का अन्तिम दिन है – दिसम्बर माह का अन्तिम दिवस... और कल वर्ष 2020का प्रथम दिवस - पहली जनवरी – जिसे लगभग हर जगह नव वर्ष के रूप मेंमनाया जाता है | सबसे पहले तो सभी को कलसे आरम्भ हो
वहीं खड़े है वृक्ष सभी तनकर.वहीं खिल रहे है फूल सुंगध फैलाकर.सदियों से वहीं खड़े पर्वत विशाल.उसी समुद्र में जाकर मिल रही तरंगिणी.उसी डाल पर बैठा है पक्षी घरौंदा बनाके,उसी नभ में उड़ रहा है पंख फैलाकर.कुछ नहीं बदलता नवीन वर्ष के साथ हां बस संकल्प निश्चित ही हो जाते है दृढ़.बीते वर्ष में मिली सीखें मा
नव वर्ष की हार्दिकशुभकामनाएँ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वेसन्तु निरामयाः,सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।ऊँ शान्ति: शान्ति: शान्ति: सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े…भारतीय जीवन दर्शन की इसी उदात्त भावना के साथ पूर्ण
नई ऊर्जा के साथ नववर्ष का स्वागत करें कर्नाटक में युगादि, तेलुगु क्षेत्रों में उगादि, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, सिंधी समाज में चैती चांद, मणिपुर में सजिबु नोंगमा नाम कोई भी हो तिथि एक ही है चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा, हिन्दू पंचांग के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति का दिन, न
हमारे शास्त्रो में झंडा या पताका लगाने का विधान है! पताका यश, कीर्ति, विजय , घर में सुख समृद्धि , शान्ति एवं पराक्रम का प्रतीक है। जिस जगह पताका या झंडा फहरता है उसके वेग से नकरात्मक उर्जा दूर चली जाती है ! हिन्दू समाज में अगर सभी घरो में स्वास्तिक या
समय ही संपदा हैविजिट http://www.safaltasutra.com/2016/12/blog-post_28.html
शब्दनगरी पर मेरे सभी भाई बहनों को मेरा प्यारा सा सन्देश और बहुत बहुत शुभकामनाएं इस नववर्ष 2017 पर ....चित्र - गूगल से