सो सपने थे राह हजारोंपर हम पार हुवे ना यारोजाने कोन कमी थी हम मेंचित है हम खाने में चारोयाद नही है खुद की हमकोचाहे तुम जिस नाम पुकारोदाँव लगे है खुद हम खुद परचाहे जीतो चाहे हारोआज सितारे है गर्दिश में
प्राइवेसी, डेटा शेयरिंग, इनक्रिप्शन, मेटाडाटा , आजकल ये शब्द खूब सुनने को मिलते हैंकई लोग चिंतित हैं , कई लोग इस फिक्र को धुंए में उड़ा रहे हैं।अधिकतर लोगों को पता ही नहीं कि क्या हो रहा है तो आइए चर्चा करते हैं कि भिया आखिर ये मामला है क्या..?तो भिया, मामला शुरू होता
पीड़ा में गुजरा वर्ष 2020 , विश्व के लिए 2021 अति शुभ हो डॉ शोभा भारद्वाजभारत में ग्यारह बजे थे सिंगापुर टाईम डेढ़ बजे मोबाईलकी घंटी बजी , देखा मेरी बेटी, अमेरिका की बेस्ट यूनिवर्सिटी में पढ़ी सिंगापूर में उच्च पदाधकारी ,मोटे –मोटे आंसू बहाती हुई सुबक रही थी . उसने सिंगापुर टाईम्स , गार्जियन, न्यूयार्क
पापा, जो सायकिल के डंडे पर आगे बैठा कर चढ़ाई पर जोर लगाते थे,बाद में फिर पढ़ाई में आगेबढ़ाने में जोर लगाते थे।मौका आने पर जॉब या बिजनेस के लिए, एक बारऔर जोर लगाते थे।अच्छी सी जीवन संगिनी,तुम्हारे लिए ,समाज केफिर कई फेरे लगाते थे।नए शहर में नया घरबार ,तुम्हे बसाने के ल
ईरान ,अमेरिका के बिगड़ते रिश्ते (यूक्रेन एयरलाइंस का क्षतिग्रस्त विमान)डॉ शोभा भारद्वाजहम खुर्दिस्तान की राजधानी में रहते थे ईरान ईराक का युद्ध चल रहा था लेकिन इराक के बम वर्षक प्लेन कम ही आते थे हाँ शाम को सैर करते हुये यहाँ से निकलते दिखाई देते थे | एक दिन शाम के समय ईरान ईराक के एयर फ़ोर्स के दो
चंद्र की शुभ्र किरणेंले रही विदा दुल्हन की तरह.रात्री की डोली मेंबैठकर उन्हें सूर्योदय के घर जाना है.तम तो प्रकाशतक जाने का प्रतिदिन का साधन है.किंतु आज पिछले बरस कोसबको नवीनवर्ष से मिलवानाहै.शिल्पा रोंघे
वहीं खड़े है वृक्ष सभी तनकर.वहीं खिल रहे है फूल सुंगध फैलाकर.सदियों से वहीं खड़े पर्वत विशाल.उसी समुद्र में जाकर मिल रही तरंगिणी.उसी डाल पर बैठा है पक्षी घरौंदा बनाके,उसी नभ में उड़ रहा है पंख फैलाकर.कुछ नहीं बदलता नवीन वर्ष के साथ हां बस संकल्प निश्चित ही हो जाते है दृढ़.बीते वर्ष में मिली सीखें मा
झड़ने दो पुराने पत्तों को.🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂गिरने दो फूलों को जमीं पर.🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼कि नए पत्ते फिर आएंगे शाखों पर.🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿कि नए फूल फिर उगेंगे डाली पर.🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹ताकेंगे आसमान की ओर.🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴गिरने से मत डरो, झड़ने से ना डरो.बीज भी जमीन में गिरकर ही पौधे
सब कुछ लागे नया-नया ।दे-दो जो देना चाहते हो नये साल मे,यह नया साल हर ठंडी मे ही आता हैं।भारतीय रीत रिवाज मे नया साल हम तब मनाते हैं जब हमारे देश का किसान व जवान दोनों खुश होते हैं। गाँव के खुले मैदान व खेतो मे बहन बेटियों की शादियाँ हो रही होती हैं। पेड़ों की छाव मे बिस्तर लगे होते हैं। कुआँ का ठंडा
एक और साल अपने नियत अवधि को समाप्त कर जाने को है और एक नया साल दस्तक दे रहा है। बस, एक रात और कैलेंडर पर तारीखे बदल जायेगी। दिसम्बर और जनवरी महीने की कुछ अलग ही खासियत होती है। कहने को तो ये भी दो महीने ही तो है पर साल के सारे महीनो को बंधे रखते है। दोस
भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही सौ रुपये के नये नोट जारी कर सकता है नया 100 रुपये का नोट कहा जा रहा है की बैंगनी रंग का है और अगले महीने किसी भी दिन बाजार में आ सकता है| नोट के पीछे रानी की वाव यानी कि बावड़ी को दर्शाया गया है, इस
These Are Really Best Happy New Year Wishes For The Next New Year 2017. Starting The Year By Your Side Was Just A Blessing On Itself. I Cannot Wait For Us To Move In Together And Have A Million Different Adventures Throughout This Year, Because I Know That No Matter What