आज हम सभी देशवासियों को जानकारी और जागरूकता के साथ हम सभी समाचार पत्र संदर्भ से और कुछ चैनल माध्यम से जानकारी एकत्र करके पाठक के साथ सच और जानकारी के साथ प्रस्तुत एक घटना क्रम है
कानपुर देहात मामले में परिवार उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से बात करने के बाद शवों के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया है। पहले शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। मृत महिला के बेटे शिवम ने ब्रजेश पाठक से वीडियो कॉल के बाद कहा कि वह सरकार के आश्वासन से संतुष्ट हैं। कानपुर देहात में सोमवार को मडौली गांव में एक महिला और उसकी बेटी की आग में जलकर मौत हो गई परिवार का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने आई टीम ने उस झोपड़ी में आग लगाई जिसमें मां-बेटी मौजूद थीं पुलिस का कहना है कि नाराज मां-बेटी ने झोपड़ी का दरवाजा बंद कर लिया और खुद को आग लगा ली कानपुर देहात: यूपी के कानपुर देहात (Kanpur Dehat News) जिले में सोमवार को रूरा थाना क्षेत्र में मडौली गांव में एक महिला और उसकी बेटी की आग में जलकर मौत (Mother Daughter Dies In Fire) हो गई। महिला के परिवार का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने आई पुलिस प्रशासन की टीम ने उस झोपड़ी में आग लगाई जिसमें मां-बेटी मौजूद थीं। वहीं पुलिस का कहना है कि अतिक्रमण दस्ते के आने के बाद नाराज होकर मां-बेटी ने झोपड़ी का दरवाजा बंद कर लिया और खुद को आग लगा ली। मंगलवार को इस मामले में पीड़ित परिवार की शिकायत पर लेखपाल और एसडीएम समेत करीब 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। लेखपाल और जेसीबी ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया गया। लेखपाल और एसडीएम निलंबित भी कर दिए गए। लेकिन यूपी में विपक्षी दलों ने इसे जातीय रंग देते हुए 'ब्राह्मण परिवार' पर 'सरकार के अत्याचार' के रूप में प्रचारित करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस के मुताबिक, यह किसी किस्म का जातीय संघर्ष नहीं था। पुलिस अधीक्षक (कानपुर देहात) बीबीजीटीएस मूर्ति ने मीडिया को जानकारी दी कि विशाल दीक्षित ने पीड़ित प्रमिला दीक्षित के बेटे शिवम दीक्षित के खिलाफ 'ग्राम समाज' की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी। इसी अतिक्रमण को हटाने के लिए एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम वहां गई थी । एसपी ने कहा कि अतिक्रमण हटाया जा रहा था, तभी मां-बेटी ने आत्मदाह कर लिया। पीड़ितों को बचाने के प्रयास में रूरा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश गौतम और पीड़ित प्रमिला के पति गेंदनलाल झुलस गए। घटना से आक्रोशित परिजनों एवं उनके समर्थकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गई थी। घटनास्थल का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसे देखने पर लग रहा है कि अतिक्रमण हटाने वालों ने आग नहीं लगाई। सच तो जांच के बाद ही सामने आएगा लेकिन अनजाने ही समाज को जातीय संघर्ष में धकेलने का नतीजा सभी के लिए विघटनकारी होगा। मंगलवार शाम तक मृतक महिला के बेटे ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से वीडियो कॉल के जरिए बात की। ब्रजेश पाठक ने आश्वासन दिया कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। साथ ही परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। डिप्टी सीएम के इस आश्वासन के बाद महिला के परिवार ने दोनों शवों के अंतिम संस्कार को मंजूरी दे दी़।
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