आज हम सभी जानते हैं कि सच तो जीवन में बहुत होते है परन्तु जो हमें जानकारी और व्यवस्था के साथ मीडिया या सामाजिक स्तर पर मिलती है वही हम सभी को समझ आती है ऐसे ही एक घटना के साथ......
जालौर के दलित छात्र की मौत के मामले में राजस्थान सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. देवाराम चौधरी की अध्यक्षता में ये जांच की जाएगी. राजस्थान के जालोर में 9 साल के दलित छात्र की मौत हो गई थी. परिवार का कहना है कि मटका छूने पर टीचर छैलसिंह ने इंद्र को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. वहीं स्कूल के छात्रों का कहना है कि स्कूल में कोई मटका नहीं है। जालोर में दलित छात्र की मौत वाला मामता तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं परिवार मामले की SIT जांच चाहता है. अब राजस्थान सरकार ने उस मांग मानते हुए SIT जांच के आदेश दे दिए हैं. ये जांच देवाराम चौधरी की अध्यक्षता में की जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना के सामने के बाद से ही गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है. चुनावी मौसम है, ऐसे में बीजेपी भी लगातार सियासी हमले कर रही है. आरोप लग रहा है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था का राज नहीं है, दलितों का सम्मान नहीं है. बढ़ते विवाद के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया था और फिर बाद में परिजनों से भी मुलाकात की. अब सीएम ने इस मामले में SIT जांच के आदेश भी दे दिए हैं. वैसे जिस मामले में SIT जांच के आदेश दिए गए हैं, कुछ दिन पहले सचिन पायलट ही अपनी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि फिर कोई घटना होगी तब हम एक्शन लेंगे? इस सिस्टम को बदलना होगा. आजादी को 75 साल पूरे हो गए हैं. जिस तरह से जातिगत भेदभाव हो रहा है और यह घटना हुई है, वो कहीं ना कहीं बड़े सवाल खड़े करती है. पायलट ने चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार हमारी है, लेकिन आप और हम सभी का दायित्व बनता है कि परिवार को नयाय दिलाएं. सरकार को निजी स्कूल की मान्यता रद्द करके एक अच्छा संदेश देना चाहिए ताकि आमजन और सरकार में भरोसा कायम हो.