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हिंदी साहित्य को सैयद गुलाम नबी ‘रसलीन’ का प्रदेय

1 जून 2017
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[1] भारतीय संस्कृति की आत्मा इस देश की विविध भाषाओं के माध्यम से अभिव्यक्ति प्राप्त करती है। भारत की सभी भाषाएँ और उनकी साहित्यिक विरासत सबकी साझी संपदा है और उसे सभी देशवासियों ने समृद्ध किया है, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान या किसी अन्य धर्म-संप्रदाय के अनुयायी। इनमें

गुर्रमकोंडा नीरजा को विद्या सागर उपाधि

18 दिसम्बर 2016
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विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ का 21 वाँ वार्षिक अधिवेशन उज्जैन में आजोयित हुआ. विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ. योगेंद्रनाथ शर्मा ‘अरुण’, कुलाधिपति डॉ. सुमन भाई, कुलसचिव डॉ. देवेंद्रनाथ शाह, कुलानुशासक डॉ. चंद्रशेखर शास्त्री और पीठ के उत्तराखंड प्रभारी गोपाल नारसन ने संयुक्त रूप से अधिवेशन का उद्घाटन किया. इ

गुर्रमकोंडा नीरजा को भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान प्रदत्त

18 दिसम्बर 2016
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युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, नई दिल्ली के तत्वावधान में तृतीय अखिल भारतीय काव्य-महोत्सव और साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन पी.के.रोड रेलवे अधिकारी क्लब, नई दिल्ली में किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन ‘जनसंदेश टाइम्स’ (लखनऊ) के प्रमुख संपादक सुभाष राय ने किया. मुख्य अतिथि के रूप में ‘अट्टहास’ के सं

श्रम संस्कृति के किसान कथाकार विवेकी राय

18 दिसम्बर 2016
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भोजपुरी के प्रथम ललित निबंधकार एवं आलोचक, ग्राम-जीवन और लोक-संस्कृति के प्रति समर्पित कथाकार विवेकी राय 22 नवंबर, 2016 को पंचतत्वों में विलीन हो गए. उनका जाना हिंदी एवं भोजपुरी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के भरौली ग्राम में 19 नवंबर, 1924 को जन्मे विवेकी राय की प्रारं

शताब्दी संदर्भ : मुक्तिबोध : जीवन और कविता

13 नवम्बर 2016
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अब अभिव्यक्ति के सारे खतरेउठाने ही होंगे. तोड़ने ही होंगे मठ और गढ़ सब. ****अन-खोजी निज समृद्धि का वह परम उत्कर्ष, परम अभिव्यक्ति....मैं उसका शिष्य हूँ वह मेरी गुरु है, गुरु है!! **** प्रत्येक मानवीय स्वानुभूत आदर्श विवेक-प्रक्रिया, क्रियागत परिणति!! खोजता हूँ पठार... पहाड़.... समुंदर जहाँ मिल सके मुझे

साहित्य मंथन संस्कृति-सेतु सम्मान : 2016

2 नवम्बर 2016
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'साहित्य मंथन' द्वारा 18 अक्टूबर, 2016 को आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी, हैदराबाद में आयोजित सम्मान समारोह में रूसी-भारतीय मैत्री संघ ‘दिशा’ (मॉस्को) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर सिंह को श्रीमती लाड़ो देवी की पावन स्मृति में प्रवर्तित ‘साहित्य मंथन संस्कृति-सेतु सम्मान : 2016’ प्रदान किया गया। इस अवस

अथ से अनंत

25 सितम्बर 2016
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डॉ. त्रिभुवन राय के संपादकत्व में यश पब्लिकेशंस, दिल्ली द्वारा 2 भागों में प्रकाशित ‘अथ से अनंत’ (2015) शीर्षक ग्रंथावली मनुष्य की जययात्रा में आस्था रखने वाले मानवता के चितेरे साहित्यकार आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त,1907 - 19 मई,1979) के समग्र व्यक्तित्व और कृतित्व के मूल्यांकन पर केंद्रित

मनुष्यता के सजग प्रहरी : रवींद्रनाथ ठाकुर

29 मई 2016
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मनुष्यता के सजग प्रहरी : रवींद्रनाथ ठाकुर            अरे भाई,                                            मिट्टी की ओर लौट,वह मिट्टी, जो आँचलफैलाकर तेरे मुँह की ओरदेख रही है, जिसके वक्षस्थल कोफोड़कर यह प्राणधारा उच्छ्वसितहो रही है, जिसकी हँसी से फूल खिलेहैं, जो संगीत की हर तानपर पुकार उठती है. वह देखो

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