हाय रे यह कैसी बीमारी है
हर शख्स में लाचारी है !
शमशान शोलों से भरा है
कब्रिस्तान में भी जगह नहीं खाली है !!
साइंस की भी खत्म हिकमत सारी है
जैसे प्रकृति रूप बदलने वाली है !
यारों यह कोरोना महामारी है
या आर्गन की कालाबाजारी है !!
ऑक्सीजन खत्म है यारों
या डॉक्टरों की होशियारी है !
देश में लॉक डाउन लगा है
फिर भी चुनावी रैली जारी है !!
यह लगता भय का व्यापार है
जैसे इस में सत्ता की भी हिस्सेदारी है
👉G.H.Khan✍️