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पहला पहला प्यार पहला पहला मिलन

16 नवम्बर 2021

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खुशी ओ खुशी कहा मर गई ।आई मामी एक हाथ मे जल का लोटा लिए दूसरे हाथ मे पूजा की थाली पकड़े भागते हुए आती है ।
हल्के गुलाबी रंग का सूट उस पर कमर तक लटकती चोटी गुलाब की पंखुड़ी जैसे होठो पर लगी हल्के रंग की लाली उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रही है, रंग से गोरी एक दम मैदा की कटोरी , बड़ी बड़ी आँखे शरीर भी संगेमरमर के तरह दमकता खूबसूरती इतनी मानो आसमान से परी उतर के आई हो ।
हाँ मामी, सुबह सुबह कहा मरने गई थी ।मामी वो मै मन्दिर गई थी ।

अरे कल्मुंही तुझे मन्दिर जाने की का जरूरत है तू तो इत्ती सुन्दर है कोई न कोई फंस ही जईऐ तुझसे ।

कोई राजकुमार न आईये तेरे लिए इसलिए भगवान को मस्का लगानो बंद कर दे और हा घर के काम पर ध्यान दे और देख जाइके सुनैना उठी कि न उठी ।

अरे मम्मी उठ गई हू मै, और हाँ खुशी दीदी मम्मी बिल्कुल ठीक कह रही है, भगवान को मस्का लगाने की जरूरत ही नही है, मेरी खुशी दीदी तो इतनी अच्छी है इतनी सुन्दर है और हर काम मे होशियार भी तो है, उनके लिए तो एक से बढ़कर एक रिश्ते सामने से चलकर आएँगे ।

तेरी खुशी दीदी ही बढ़िया हम तो जैसे बुरे है , अम्मा बाप ने नाम रखो खुशी मूँग दलन ताए हमारी छाती पर छोड़ गए ।
मै तो ये कह रही हूँ कि मस्का तो मुझे लगाना चाहिए भगवान जी को ताकि मेरे लिए अच्छा रिश्ता मिल जाए ।
एक तो कोई कामकाज नही आता है ऊपर से साँवला रंग दिया है ।

शुक्र है आप ने मुझे पढ़ा लिखा दिया है, अनपढ नही रखा है, खुशी यह बात सुनकर रो आती है, और अपने काम पर लग जाती है ।

सुनैना अपने सिर पर हाथ मारते हुए ये क्या बोल दिया मैंने दी को कितना बुरा लगा होगा मै अभी उनको साॅरी बोलती हूँ ।

दी दी कहा है आप अरे रसोई मे होंगी कहते हुए रसोई मे जाती है ।

दी आप यहा हो मै कब से आवाज दे रही हू , हा बोलो सुनैना कोई काम था मुझसे। हाँ ।क्या ,बोलो आए एम सॉरी दी मुझे ऐसे नही बोलना चाहिए था सो आई एम वेरी वेरी साॅरी। कोई बात नही बाबू मै तुमसे नाराज नही हू भला मै अपनी प्यारी सी बहन से नाराज हो सकती हू क्या । यू आर सो क्यूट दी एक बात बोलू दी हा बोलो मै आप से बहुत नाराज हूँ ।
क्यो मैंने क्या किया ?अरे दी मम्मी आपको इतनी खरी खोटी सुनाती है, पर आप हो एक बार पलट के जबाव नही देती हो ।
सो आई एम वेरी ऐंग्री फाॅर यू! मतलब ?अरे मेरी भोली दीदी मै आपसे बहुत नाराज हूँ ।

देख सुनैना मामी मुझसे बहुत प्यार करती है, बचपन से लेकर आज तक उन्होंने मुझे पाला है रहने को घर दिया खाने को खाना और पहनने को कपड़े ! वो भी मेरे पुराने कपड़े है न दी ।अरे बुद्धू बहनो मे यह सब चलता है ।

इस सब के बदले थोड़ा बहुत सुना देती है तो क्या हुआ ।
सुनैना अपने हाथ जोड़ते हुए आप से कोई नही जीत सकता है ..............।

खुशी सोचने लगती है, कि मामी बिल्कुल सच बोल रही थी, कि नाम खुशी रख लेने से किसी के जीवन मे खुशी नही आती है ......।

अरे मनहूस नाश्ता बनो की नाही ।ला रही हू मामी फटाफट नाश्ता तैयार करके बाहर ले आती है ।

दी मेरा टिफिन पैक हो गया तू नाश्ता कर तबतक मे टिफिन लगाती हूँ ।दी थोड़ा ज्यादा पैक कर देना मेरी सहेली को आपके हाथ का खाना बहुत पसंद है ।हाँ ठीक है अभी लाती हूँ। अरे दी पहले नाश्ता तो करलो ।कर लिए नाश्ता भी हराम की खान के अलावा और काम भी का है तुम्हारी खुशी दीदी के पास ! मम्मी आप हर वक्त दीदी को ? सुनैना खाते वक्त ज्यादा बात नही करते है और हाँ मामी बिल्कुल सही कह रही है मुझे कही बहार नही जाना है मै बाद मे खा लूंगी ।

अब यही खड़ी बतियाती रहेगी या खाने का डिब्बा भी लाकर देगी । जी मामी अभी लाती हू ।

मामा जी ये लो अपना टिफिन , सुनैना ये ले अपना टिफिन। ज्यादा खाना डाला है दी । हाँ ।ओके बाए बाए ।

ओ महारानी कपड़ा धो लिया कि नाही , बस मामी धोने ही जा रही हूँ। पहले कुछ खाई लेन दे बहुरिया खुशिया को बाद मै काम कर लिये ,अच्छा अम्मा हम तो जैसे दुश्मन है जाके ।

अरे नानी पहले काम कर लू फिर खा लूंगी, जैसन तेरी मरज़ी बिटिया ......  पता नही का लिखा है विधाता ने  हमारी बिटिया के भाग्य मै ।

अरे नानी बहुत अच्छा सोचा होगा भगवान जी ने मेरे बारे मे एक अच्छा पति जो मुझे बहुत प्यार करेगा एक अच्छा परिवार जो मेरा ध्यान रखेगा, ऐसे ही थोड़ी मामी कहती है कि मै भगवान को मस्का लगाती हूँ . नानी प्यार से सर पर हाथ फेरते हुए तू सही कह रही है खुशिया ऐसन ही होइऐ ।
भगवान तेरे साथ कछु गलत नाही होन दिऐ ।

फोन की घंटी बजी ट्रिन- ट्रिन, ट्रिन- ट्रिन खुशी देख किसको फोन है, हाँ मामी देखती हू, रूक जा बिटिया तू अपना काम कर हम देखत है ,जी नानी ।

हैलो हाँ कौन ,अरे लीला , हाँ लीलावती बोलत है , तुम कौन पहचाना नही ।अरे तुम का कोई फिलम सटार हो जो आवाज से पहचान लिए । अरे मै उमा ।कौन उमा? तेरे बचपन की सहेली उमा ,अरे उमइया तू कैसी है ।अच्छी हूँ तभी तो तुझे फोन किया है। तेरे घर आ रही हू ।तू यहा है। हाँ तभी तो आ रही हू ।ठीक है जल्दी से आ हम इंतजार करत है............।

अरे बहुरिया खुशिया जल्दी से हमारे पास आ ।आई नानी, आत है अम्मा जी ।हाँ का बात है ।अरे हमारी बचपना की सहेली उमइया आ रही है, जलदी से नए बरतन निकाल ले और जे खिड़की दरबजे के परदा बदल दे , और हाँ बिटिया खाना को इंतजाम  कर ले और हाँ गाजर का हलवा जरूर बना लिये उसे बचपना से बहुत पसंद है ।अरे अम्मा तनिक सांस लई लो। न बहुरिया आज हम बहुत खुश है अइसन लागत जैसे कोई बहुत बड़ी खुशखबरी मिलन को है ।

शाम को उमा घर आती है, सभी लोग जोरदार स्वागत करते है, अच्छी आवभगत के बाद लीला अपने परिवार से उमा को मिलवाती है ।

यह है हमारी बिटिया खुशी। ये तेरी नातिन है न ।हाँ, तेरी खुशी बिटिया तो बहुत सुन्दर है, अरे सुन्दर काहे नाही होईए हम इत्ते सुन्दर जो थे तो हमारी बिटिया काहे नाही , उमा बीच मे खाँसते हुए अरे तू तो आज भी इतनी सुन्दर है कि सोलह साल का लड़का दिल हार जाए तुझ पर सब जोर से हँसने लगते है ।

सभी लोग खाना खाते है , उमा खाने की बहुत तारीफ करती है, ये सब खुशी दी ने बनाया है दादी ।अच्छा इतनी सी उम्र मे इतना टेस्टी खाना बना लेती हो आजकल की लड़कियो को तो ढंग से पानी तक गरम करना नही आता है ।मेरी दी को सबकुछ आता है बहुत खुशकिस्मत होगे मेरे जीजाजी जिनको मेरी दी मिलेगी है ना दादी ... हा काहे नाही ।

समझो मिल गए तुम्हारे जीजा जी बेटा, का मतलब उमा देख लीला हम दोनो बचपन की सहेली है, तो ?अब समधन बन जाए तो तेरी नातिन और मेरा पोता , हा हा काहे नाही वैसे भी हमऐ एक अच्छे लड़का की तलाश थी पर एक समस्या है ।क्या बोलो? हमारी बिटिया पढी लिखी नाए है तुम्हारा पोता तो पढो लिखा होइऐ ।

तो क्या हुआ मुझे कौन सी नौकरी करवानी है, मुझे तो अपने घर के लिए लक्ष्मी चाहिए । अगर तुम हा करो तो मै अपने परिवार को यही बुला लू चट मंगनी पट ब्याह कर देगे।
हाँ हाँ काहे नाही . . . . . . . ।

अगले दिन ही उमा अपने बेटे बहू और पोते को बुला लेती है, अगले दिन ही सब लोग आ जाते है खुशी को देखने के लिए खुशी सजधज कर आती है हल्के पीले रंग के सूट मे बहुत सुंदर लग रही है उस पर उसके खुले लहराते बाल जो उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रहे है.
सब लोग उसे देखते ही रह जाते है, खासकर शशांक वो देखता ही रह जाता है, सुनैना शशांक को छेड़ते हुए कहती है कि होने वाले जीजू अपना मुँह तो बंद कर लिजिये नही तो मक्खी घूस जाएगी कह कर जोर से हँस पड़ती है उसके साथ ही सब लोग जोर से हँसने लगते है इस बात से शशांक झेप जाता है, खुशी भी शर्मा जाती है ।

सभी घर के बड़े खुशी शशांक का रिश्ता तय कर देते है ।
घर वालो की मन्जूरी से दोनो की अंगूठीयाँ बदल दी जाती है।

सभी लोग बहुत खुश है, कि खुशी का रिश्ता इतने बड़े घर मे हो रहा है ।

मामी हँसते हुए चलो अम्मा अब इससे पीछा छूट जाइये , हम पंडितजी को फोन लागई के बुलात है ।

खुशी बिटिया तू खुश तो है न, जा रिश्ता से तुम्हे शशांक पसंद तो आओ , नानी आप ने पसंद किया है तो रिश्ता अच्छा ही होगा आप मेरे लिए किसी गलत लड़के को थोड़ी न चुनो गी । तू जा बताव जा रिश्ता से खुश है आप लोग खुश है इस रिश्ते से, हाँ, सब बहुत खुश है, तो हम भी खुश है नानी  ।

कुछ देर बाद पंडितजी भी घर पर आ जाते है, वो खुशी और शशांक की कुंडली मिलान करते है, अति उत्तम अम्मा जी कुंडली बहुत अच्छे से मिल गई छत्तीस मे से छाबिस गुण मिल रहे है। अच्छा । हाँ तीन महीने बाद शुभ मुहूर्त है खुशी बिटिया के विवाह का । चलो जा तो बहुत अच्छी बात है ।

बहुरिया हम उमा को फोन करके बताए देत है, जी अम्मा जी जैसन आप की मर्जी ........।

बहुत तैयारी करने है , घर मै पहले विवाह है घर की बड़ी बिटिया को कोई कसर नाही रह जाए ।अरे बहुरिया चिंता न कर सब अच्छा ही हुईये ।

घर मे सब खुश है लेकिन सुनैना कुछ परेशान सी है , क्या हुआ सुनैना क्यो परेशान हो ?नही दीदी कोई परेशानी नही है ।फिर इतनी परेशान क्यो लग रही हो ।कुछ नही है दी
पक्का, हाँ बाबा पक्का ।

घर मे बहुत हर्ष उल्लास वाला वातावरण है, सब अपने काम मे मगन है, उमा का फोन आता है ।मामी फोन उठाते हुए हैलो कौन? हम उमा बोल रहे है ।अरे अम्मा जी राम राम कैसी हो आप घर मे सब कुशल मंगल है, हाँ घर पर सब अच्छे है , मैंने इसलिए फोन किया था कि खुशी से कहना तैयार हो जाए हम बाजार जाएगे खरीददारी करने उसे साथ लेकर ।अरे अम्मा जी उसे ले जान की का जरूरत है आप जो भी लाईयो बढिय़ा ही होइऐ। हाँ पता है पर हम चाहते है कि शादी मे सबकुछ हमारी बहु की पसंद का हो गहना , कपड़े, साज सज्जा और भी कुछ ठीक है। अम्मा जी हम खुशी को तैयार कर दिए ठीक है। हाँ ठीक है। अच्छा अम्मा जी राम राम, राम राम ।

खुशी ओ खुशी, आई मामी बस एक मिनट हाँ मामी !चल फटाफट तैयार हुई। जा हम लोग कही जा रहे है ?हम लोग नही तू जा रही है, कहा , बाजार शशांक बिटवा आत है तोको लेन ऊ अम्मा जी का फोन आओ थो की तुम्हे लेके बाजार जाईये, पर मामी अकेले कैसे जा सकते है। अकेले कहा हुईये शशांक हुईये न तेरे साथ और फिर अम्मा जी है उनको पूरा परिवार संग हुईये ,पर मामी हमारे घर से कोई नही होगा, अच्छा एक काम कर सुनैना को साथ ले जा और हम अम्मा जी का करिये जाए के तुम बच्चन के संग .......सुनैना सुनैना कहा हो ?आई मम्मी !चल जलदी से तैयार हुईजा और खुशी के संग बाजार जाने है, मम्मी मेरा मन नही है आप लोग चले जाओ प्लीज !क्या हुआ सुनैना तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना! सुनैना लगभग चिल्लाते हुए मुझे क्या हुआ है मै बिल्कुल ठीक हू बस मन नही है कही जाने का ।क्या हुआ है इतनी चिढ़चिढि क्यो हो? खुशिया तू जा तैयार होन जा तो जा रही जाकि अम्मा तक जाईये तुम्हारे साथ  ............।

तब तक दरवाजे पर गाड़ी आकर रूकती है, दरबाजे की घंटी बजी मामी दरबाजा खोलते हुए अन्दर आओ शशांक बिटवा और घर मे सब कुशल मंगल है, हाँ आंटी जी खुशी जी तैयार हो गई मै उन्हे लेना आया हूँ दादी जी ने फोन किया होगा आपको .......हाँ बेटा सबसे पहले जा आंटी जी न बोलो हमै हम खुशी की मामी है, तो तुम्हारी भी मामी बने ओके आंटी जी साॅरी मामी जी ,  हा जा भई न बात बिटवा .......।

खुशी भी तैयार होकर आ जाती है, नीले रंग के सूट मे बहुत सुंदर लग रही थी, उस पर खुले बाल उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रहे थे आँखो मे काजल की महीन सी धार , और होठ पर हल्की लाली के साथ प्यारी सी मुस्कान उसकी खूबसूरती पर कहर ढा रही थी, चले खुशी जी खुशी हाँ मे सिर हिला देती है, तनिक ठहर जा बेटा सुनैना भी जा के संग जाईये ।
सुनैना खुशी और शशांक एक साथ जाते है । दुकान मे एक से एक साड़ीयो की डिजाइन है, जिसे देख खुशी चकित है कि कौन सी साड़ी पसंद की जाए खुशी सुनैना से पसंद करने को कहती है पर सुनैना अपने मे खोई हुई है, अरे सर जी आपकी मंगेतर तो इतनी खूबसूरत है, कि इन पर तो सारे रंग खिलेंगे मेरी मानो तो आप सारे कपड़े खरीद लो , खरीद तो पूरी दुकान लू पर मेरी मेडम को कुछ पसंद तो आना चाहिए न ( शशांक मुस्कुराते हुए ) यह भी बात ठीक है आपकी । 

सभी लोग खुशी के लिए खरीददारी करते है, सुनैना को छोड़कर। शशांक क्या हुआ सुनैना कहा खोई हुई हो तुम ने तो कुछ पसंद ही नही किया न अपने लिए न अपनी दीदी के लिए ? ऐसी कोई बात नही है जीजू वो मेरा थोड़ा मूड ऑफ है मेरे एग्जाम आने वाले है इसलिए फिर शादी की भी तैयारी करनी है , और कोई बात नही है वैसे आपकी च्वाइस तो इतनी अच्छी है कि आप जो पसंद करते है उसमे मेरी दी तो बहुत सुन्दर लगेगी कहकर साइड हो जाती है, ये बात खुशी को बहुत अजीब लगी कि जो लड़की हर वक्त घूमने को तैयार रहती है वो यहा होकर भी यहा नही है ।
लगभग सारी शापिंग हो जाने के बाद चलो अब रेस्टोरेंट चलते है कुछ खा लेते है बहुत जोरो की भूख लगी है , खुशी हाँ मे सिर हिला देती है, लेकिन सुनैना घर जाने की जिद पर अड़ी हुई है शशांक और उसकी फैमिली के कहने पर वो रेस्टोरेंट चली गयी पर उसका मन नही लगा और वो जल्द ही खुशी के साथ घर आ गई ।

सुनैना क्या हुआ है, क्या बात है तुम इतनी परेशान क्यो हो कुछ नही दी मेरा मन नही है आप जाओ यहा से कहकर दरवाजा बंद कर देती है,  कुछ तो बात है दरवाजा खटखटा कर खुशी बोली अगर तुम ने मुझे नही बताया कि तुम क्यो परेशान हो तो मै मामी जी को बोल दूँगी ।
सुनैना दरवाजा खोलती है और खुशी को कमरे मे ले लेती है, और उसके गले लगकर रोने लगतीहै, क्या हुआ क्यो रो रही हो तू तो मेरी बहादुर बहन है न फिर ये सब क्या है रोते हुए सुनैना दी ,हाँ, दीदी ,हाँ बोलो सुनैना ?आप वादा करो मम्मी को कुछ नही बोलोगी ।हाँ पक्का वाला वादा किसी को कुछ नही कहूँगी ।
मुझे काॅलेज आते जाते एक लड़का बहुत परेशान करता है जिस बात से मै बहुत डिस्टर्ब हूँ कल तो उसने जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़ लिया मै वहा से भाग आयी अगर ये बात मम्मी को पता चली तो वो मेरा घर से निकलने पर भी पाबंदी लगा देंगी मुझे बहुत डर लग रहा है मै क्या करू दी। तू चिंता मत कर कल मेरे साथ चलना मै भी तो देखु कौन है जिसकी वजह से मेरी बहन इतनी परेशान है ।

अगले दिन खुशी सुनैना के साथ जाती है, सुनैना दूर से इशारा करते हुए बताती है कि दी वो लड़का खड़ा है नीली जीन्स और सफेद टी- शर्ट मे वही आते जाते परेशान करता है ।

तुम यही रूको मै अभी उससे बात करके आती हूँ , कहकर खुशी उसकी ओर बढ जाती है वो लड़का वहा से चला जाता है उसकी जगह पर सेम कपड़ो मे दूसरा लड़का आ जाता है उसका नाम है गुड्डन उर्फ  ( गुड्डू भाईया ) दूर होने के कारण वो उसे देख नही पाई और सुनैना खुशी को रोकना चाहती है पर दूरी के कारण आवाज पहुंच नही पा रही है, खुशी गुस्से से लाल ताल होकर गुड्डन के ऊपर भड़क पडती है, तुम्हे शरम नही आती है आती जाती लड़कियों को परेशान करते हुए अगर दोबारा मेरी बहन को परेशान किया या उसका रास्ता रोका तो मुझसे बुरा कोई नही होगा इस बार समझा रही हू , अगली बार ऐसी कोई हरकत की तो सीधा पुलिस मे शिकायत दर्ज कर दूँगी ये मेरी धमकी समझो या चेतावनी ।

गुड्डू कुछ भी नही बोलता है वो चुपचाप खुशी की बात सुनता रहता है, खुशी अपनी सारी भड़ास निकाल कर वहा से  चली जाती है ।
गुड्डू के दोस्त बहुत नाराज होते है कि तूने कुछ कहा क्यो नही उस लड़की से वो आकर तुझे इतना सुनाकर चली गई। उसे तो सबक सिखाने की जरूरत है, आज ही रात उठा लेते है साली को जो तुझे उँगली दिखा कर गई कल किसी को मुंह दिखाने लायक नही बचेगी फिर पता चलेगा कि गुड्डू भाईया से पंगा लेने के अंजाम क्या होता है ।

गुड्डू पता कर कौन है ये लड़की और इसकी बहन के बारे मे पता कर कौन परेशान कर रहा है उसे जिसकी वजह से वो मुझे सुनाकर चली गई ।

तबतक सुनैना आ जाती है, आई एम सॉरी भाईया तुम कौन हो जी मै सुनैना हूँ जो अभी आप पर नाराज हो रही थी, वो मेरी खुशी दीदी थी वो अंजाने मे आप पर इतना गुस्सा हुई है मै उनकी तरफ से आप से कान पकड़ कर माफी मांगती हूँ आप प्लीज माफ कर दो ना प्लीज प्लीज प्लीज. . . . . . ।
हाँ ठीक है पर मेरी एक शर्त है , सुनैना आश्चर्य से क्या तुम्हे कोई परेशान कर रहा है, न न न नही तो गुड्डू लगभग गुस्से से फिर तुम्हारी बहन मुझे सुनाकर क्यो गई । सुनैना
रूआंसी (रोते हुए ) हो कर कहती है कि एक लड़का मुझे बहुत दिनो से परेशान कर रहा है जब मैंने ये बात खुशी दीदी को बताई तो वो उसे सबक सिखाने आई थी, फिर मुझे क्यो सुनाकर गई क्या मै तुम्हे परेशान करता हूँ या फिर कोई बत्तमीजी की मैंने तुम्हारे साथ मै तो तुम्हे जानता तक नही फिर वो लड़की मुझ पर चिल्लाकर क्यो गई ।
वो आप से पहले यही पर खड़ा था, उसके जाने के बाद आप खड़े हो गए आकर इसलिए मेरी दी को गलतफहमी हो गई ।
हाँ ठीक है तुम जाओ यहा से, आपने मुझे माफ तो कर दिया न, हाँ जाओ अब, थैंक्यू सो सो मच ।

दो दिन बाद सुनैना पहले की तरह खुश और चहकते हुए नजर आई । यह देख कर खुशी बहुत खुश हो कर बोली क्या बात है आज बड़ी खुश नजर आ रही हो ।
मेरी प्यारी बहन मै इसलिए खुश नजर आ रही हू क्योंकि मै बहुत खुश हूँ वो जो लड़का मुझे परेशान कर रहा था न उसने आज मुझसे माफी मांगी और कभी नजर न आने का वादा किया है, दी उसकी शक्ल देखने लायक थी ।

सुनैना अगर पहले मुझे बताती तो तुम इतनी परेशान होती ही नही वैसे भी मैंने उसे इतनी फटकार लगाई है कि वो किसी भी लड़की को परेशान नही करेगा ।

ओओओ दीदी एक मिनट बात सुनो , जिसकी आप ने फटकार लगाई थी, उसकी बजह से खुश हू वो गुड्डू भाईया है बहुत अच्छे है उन्होंने उस लड़के की इतनी पिटाई की इतनी पिटाई की उसकी अक्ल ठिकाने आ गई कहने लगा मुझे नही पता था कि तुम गुड्डू की बहन हो वो तो नामचीन गुंडा है मै एक गुंडे की बहन को छेड़ रहा था इसलिए मुझे माफ कर दो बहन मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई ।

दीदी मुझे लगता है आपको गुड्डू भाईया से माफी मांग लेनी चाहिए । आपने वे बजह ही उन्हे इतना कुछ कह डाला।
हमने तो अंजाने मे गुड्डू जी को भला - बुरा कहा था मुझे नही पता था ।हाँ दीदी तभी तो कह रही हूँ आप उनको साॅरी बोल दो उनकी बजह से मै इतनी खुश हूँ ।

सुनैना तुम मेरे साथ चलना गुड्डू जी से मिलने के लिए, न बाबा न अपने आप जाओ जब आप उन्हे डाटने गई थी तब मुझे लेकर गई थी । सुनैना मुझे डर लग रहा है इसलिए बोल रही हूँ एक तो वो गुंडा है ......अरे दीदी गुंडे तो वो उनके लिए है जो बुरे लोग है आप तो बहुत अच्छी हो तो आप क्यो डर रही हो ।

सुनैना के कहने पर खुशी गुड्डू से मिलने को तैयार हो गई और गुड्डू से मिलने पहुंची ।

गुस्से से गुड्डू  तुम यहा क्या कर रही हो कुछ और कहना बाकी रह गया था जो अब कहने आई हो ।
खुशी सहमेजबान से गुड्डू जी हम उस दिन की बात से बहुत शरमिंदा है इसलिए मै आप से माफी मांगने आई हू और धन्यवाद देने भी ............।

किस खुशी मे धन्यवाद देने आई हो, वो आपने मेरी बहन की मदद की इसलिए तह दिल से धन्यवाद और माफी इसलिए उस दिन आप से जो दुव्यावर किया था ।

गुड्डू ठीक है माफ कर देता हू , खुशी चलने लगती है, गुड्डू रूको कहा चल दी ।
खुशी अपने घर,  गुडडू मेरी बात पूरी नही हुई है मेरी एक शर्त है माफ करने के लिए वो पूरी कर दो ।

खुशी हमे आपकी सारी शर्त मंजूर है । गुड्डू कुटिल मुस्कान मुस्कुराते हुए पहले सुन तो लो .........।
खुशी बोलिए गुड्डू जी ,तुम्हे मेरे साथ एक रात गुजारनी होगी वो भी अपनी मर्जी से फिर सोचूंगा की माफ करना है या एक दो रात और ........इतना सुनते ही खुशी गुस्से से लाल ताल होकर गुडडू को जोरदार थप्पड़ मारती है, जिससे आस पास के लोग देखने लगते है । खुशी की आँखे गुस्से से लाल हो गई और आंसु बहने लगे हमे पता होता कि आप इतने नीच और घटिया इंसान है तो हम कभी आप से माफी मांगने नही आत कभी नही . . . . . . . ।

वही खड़ी एक औरत कहती है कि बेटा तुमने बिल्कुल ठीक किया इसे थप्पड़ मार कर इन जैसे लोगो की बजह से लड़कियों का घर से निकलना दूभर हो गया है । शाबाश बेटा ।

गुड्डू सोचते हुए तुम ने जो थप्पड़ मारा है मुझे इसकी तुम्हे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी याद रखना तुमने मेरे मुँह पर मारा है और मै तुम्हारी जिंदगी पर मांरूगा जिसकी गूंज तुम्हे जिदंगी भर सुनाई देगी ।

आते जाते लोग उसे देख कर हँस रहे है कि एक गुंडे को लड़की ने मारा है, ये सब बाते उसके मन मे खुशी के प्रति और नफरत भर रही है ।

खुशी गुस्से से तम तमाते हुए पैर पटकते हुए घर आ जाती है, ओ महारानी कहा मरने गई थी खुशी मामी की ओर बड़ी बड़ी आँखो से देखते हुए बिन बोले चली जाती है ।

अही को का हुआ बिन बोले ही चली गई ।

खुशी कमरे मे जाकर बहुत रोती है उसे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आता है कि वो क्यो गई उससे माफी मांगने गुड्डू के द्वारा कही गई बाते उसके कानो मे गूंजती है, जिससे वो तिलमिला उठती है कुछ देर बाद कमरे से बाहर आकर काम पर लग जाती है पर उसका मन बार बार वही बातो मे उलझा हुआ है जिस बजह से उसका मन काम पर नही है।

धीरे धीरे दिन बीतने लगे खुशी वो सब बाते भूलकर आगे बढ़ने लगी । लगभग शादी के दिन भी नजदीक आ रहे थे , सभी शादी की तैयारी मे जुटे थे . . . . . . . ।
शादी के पन्द्रह दिन रह चुके थे सभी जगह निमंत्रण पत्र पहुंच गए सारा काम व्यवस्थीत हो गया ।

जो कभी सीधे मुँह बात न करने वाली मामी खुशी पर बेइंतहा प्यार उडेल रही है कि देखो अम्मा जी कल की ही तो बात थी जब खुशिया अपने नन्हे नन्हे कदमन से घर मे आई थी उस समय तीन साल की थी समय जात देर नाही लगत है आज हमारी खुशिया बीस बरस की हुई गई इत्ती बड़ी हुई गई कि अब ऊ को ब्याह है । अरे बहुरिया जा तो दुनिया की रीत है आज को खुशी को ब्याह कल को अपनी सुनैना चली जाईये ।

आज मन बहुत घबराए रहो है अम्मा जी खुशी को लेके , अरे बहुरिया जब तक खुशी संग आही तब तक सब ठीक रहो अब खुशी हमसे दूर जाए रही है यही ले मन घबराए रहो है भगवान ने चाही सब भलो हुईये ।

खुशी बिटिया आज तुम्हे मास्टर ( ट्रेलर ) के हुंआ जाने है,
जी मामी मै चली जाऊँगी ।
अम्मा जी बगल वाली गली से सत्संग को बुलावा आओ है चली जईयो ।
हम यहा रूक के घर को देखिए ब्याह वालो घर है कोई आत कोई जात है फिर सुनैना भी अपने पापा संग गई है उनके लै आत आत रात हुई जाईये. . . . . . . हा ठीक है बहुरिया जैसन तेरी मरज़ी .......।

मामी आप चलिए न मेरे साथ ,अरे बिटिया तू अकेली चली जा कल को तेरी शादी हुई जईये तब भी मामी मामी करिये का.. . . . . . . . ! !

खुशी मास्टर के यहा चली गई, अम्मा जी सत्संग चली गई घर मे मामी अकेले अपने काम मे लग गई ।

खुशी मास्टर के यहा से आती है तो उसे महसूस होता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है वो तेज कदमो से चलने लगती है फिर पीछे घूम के देखती है वहा कोई नही होता है तो उसे सांस मे सांस आती है जैसे ही वो आगे बढ़ती है सामने से एक लड़का खुशी को जबरदस्ती गाड़ी मे बैठा लेता है छोड़ो मुझे छोड़ो कौन हो तुम लोग मुझे कहा ले जा रहे हो छोड़ो मुझे कहते हुए रोने लगती है , चुप साली एक दम चुप वो जबरन उसके हाथ पैर को रस्सी से बांध देता है और गाड़ी फुल स्पीड से भगा लेता है काफी देर तक गाड़ी चलने के बाद अचानक एक सूनसान जगह पर गाड़ी रोकता है । खुशी को गाड़ी से खींच कर जमीन पर फेंक देता है, खुशी खुद को बचाने के लिए असफल प्रयास करने लगती है जिससे वो लड़के उसका भरपूर मजाक उड़ाने लगते है ।

उसमे से एक लड़का खुशी के मुंह की पट्टी खोल देता है, खुशी कौन हो तुम लोग मुझे यहा क्यो लाए हो क्या दुश्मनी है आप लोगो की मुझसे जाने दो मुझे .. . . . . . ।

जाने भी देगे इतनी कहा कि जल्दी है जिस काम के लिए उठाया है वो तो पूरा करले कहते हुए सभी एक साथ राक्षसी हंसी हंसने लगते है ।

खुशी रोते हुए जाने दो मुझे किसी से मै कुछ नही कहूँगी आप लोगो के बारे मे मेरी मामी मेरा इंतजार कर रही है, अपने हाथ जोड़ते हुए कहती है. . . . . . ।
हम लोग तुझे कुछ कहने लायक छोडेंगे तब न किसी से कहेगी कुछ .. . . . . . . . खुशी मेरी शादी होने वाली है अब तो जाने दो मुझे मै किसी से कुछ नही बोलूंगी न परिवार मे न पुलिस मे कसम खाकर कहती हू किसी को कुछ नही कहूँगी ......।

तो कर न शादी मैंने क्या तुम्हे रोका है खुशी जी ...... आप मेरे हाथ पैर खोल दो ।

देख लड़की तुझे शादी करनी है और मुझे सुहागरात मनानी है वो भी तेरे साथ पहले हम चारो तेरे साथ बारी बारी सुहागरात मनाएंगे फिर तुझे जिससे शादी करनी है तो कर लेना मैंने मना नही किया है ।

खुशी गुस्से से मै तुम सबको जान से मार दूँगी , अरे हम सब डर गए देखो डर के कारण हाथ पैर काँप रहे है कह कर जोर से हँसने लगते है ।

एक लड़का खुशी के जोरदार थप्पड़ मारता है जिससे खुशी के मुंह से खून बहने लगता है चारो मिल कर खुशी को जमीन पर लेटा देते है एक ने खुशी के हाथ पकड़े है, तो एक ने पैर पकड़ रखे है , उनमे से एक लड़का खुशी के दुपट्टे को खीच कर हवा मे उड़ा देता है ।

खुशी को ऐसा लगता है जैसे उसके जिस्म से किसी ने जान खींचली हो वो ऐसे तड़पती है जैसे जल बिन मछली वो बहुत रोती है गिड़गिड़ाती है पर उसका उन लोगो पर कोई असर नही पड़ता है ।
खुशी खुद को छुड़ा कर भागने की कोशिश करती है जिससे उसके कुर्ता की बांह फट जाती है  ....... वो लोग उसे पकड़ कर जोर से जमीन पर पटक देते है इस बार एक उसके गले पर झपट्टा मारता है नीचे खुशी उसके ऊपर वो लड़का चढ जाता है ।
लगभग पचास कदम की दूरी से कोई फायरिंग करता है , जब वो लोग पीछे घूम कर देखते है तो गुड्डू हाथ मे बन्दूक लिए फायरिंग करता हुआ आगे बढता है, जिससे वो लड़के वहा से भाग निकलते है और खुशी को वही छोड़ जाते है ।

गुड्डू खुशी के नजदीक जा कर बैठ जाता है, और उसके हाथ पैर की रस्सी खोलने लगता है । खुशी गुड्डू से बोलना चाहती है पर डर के कारण उसके मुँह से आवाज नही निकलती है ।

गुड्डू खुशी के लिए पानी लेकर आता है खुशी घबराई हुई होती है इसलिए सारा पानी पी जाती है, गुड्डू उसे दिलासा देते हुए कहता है कि डरो मत मै हूँ न तुम्हारे साथ डर क्यो रही हो वो लोग भाग गए ।

खुशी गुड्डू से अगर आप सही समय पर न आए तो वो लोग ......... मेरे साथ कहते हुए जोर जोर से रोने लगती है।
गुड्डू खुशी से खुद को सँभालो और जो हुआ ही नही है उसके लिए क्यो परेशान हो रही हो चलो मै तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ देता हूँ ।

खुशी अपने फटे हुए कपड़े ठीक करने लगती है, जब गुड्डू की नज़र उसके फटे कपड़ो पर पड़ती है, जिससे खुशी खुद को बहुत लज्जित महसूस करने लगती है ।
गुड्डू अपनी शर्ट निकाल कर खुशी को पहना देता है।वो मना करना चाहती है पर कर नही पाती है ।

गुड्डू सहारा देकर खुशी को उठाता है, खुशी के तन से ज्यादा मन पर चोट लगी है जिससे वो खुद को बहुत कमजोर महसूस कर रही है ।

देखो खुशी जी इसमे तुम्हारी कोई गलती नही  है घर चलो तुम्हारे घर वाले इंतजार कर रहे होंगे वैसे भी रात होने वाली है ।

उधर घर मे मामी परेशान हो रही है , कि खुशी अभी तक घर क्यो नही है खुशी की चिंता भी है और गुस्सा भी है आन दो जा खुशिया की बच्ची को इसकी टांगिया न तोड़ दई तो हमारो नाम नाही ................।

दरवाजे की घंटी बजती है आत है घंटी लगातार बजती है, अरे आए रहे है कौन सी आफत टूट पड़ी, कौन है गुस्से से लाल मामी दरबाजा खोलते हुए कौन है ।

सामने गुड्डू को देखकर चौंक जाती है, कौन हो तुम जो दरबाजा तोडे जाए रहे और जा अधनंगे अवस्था मै खड़े दूसरे के दरवाजे शरम लिहाज है कि नाही अम्मा बाप ने कछु संस्कार दिऐ की नाही. . . . . . . . . . ।

गुड्डू हाथ से इशारा करते हुए शांत रहने को कहता है, तुम हो कौन जो हमे हमारे घर मे शांत कर रहे हो एक तो हमारी बिटिया खुशी अभे घर नाही आई ऊ की चिंता होत है और तुम और मगजमारी करन आएगे कहते हुए दरबाजा बंद करने लगती है ।

गुड्डू दरवाजा रोकते हुए घर मे कोई है आंटी जी ओ होशियार चंद हम घर मे खड़े है वन मे नाही अब निकलो फटाफट यहा से लगभग दरवाजा बंद करते हुए ..........आंटी जी खुशी मेरे साथ है आप प्लीज उससे कुछ कहना मत मै अभी लेकर आता हूँ ।

मामी सोचते हुए जाके संग का कर रही है जा खुशी आन दो जाकि खैर नाही ।

गुड्डू गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए आईये खुशी जी हाथ देते हुए, डरी सहमी खुशी धीरे धीरे बहार आती है जैसे ही वो दरवाजे पर पहुंचती है, मामी के होश उड़ गए वो फटी आँखो से देखते ही रह गई उनकी आँखो से आंसू छलक आए वो झटके से खुशी को अंदर खीच लेती है और साथ ही गुड्डू को भी ।

का हुआ है हमारी बिटिया के साथ कौन है वे लोग जिनने खुशिया के साथ जा हरकत की जिंदा जलाए दिए ऊ लोगन ताए ।

आंटी जी शांत हो जाएईऐ कुछ नही हुआ है खुशी जी के साथ मैने सही समय पर पहुंच कर खुशी जी को बचा लिया था अगर कुछ होता भी गलत इनके साथ तो आप से पहले मै ही मार डालता उन लोगो को ।

मामी रोते हुए गुड्डू के आगे हाथ जोड़ते हुए कहती है कि बिटवा जा बात काहू को पता न चलन दियो नाए हमारे घर की हमारी बिटिया की बहुत बदनामी हुईये हम तुम्हारे हाथ जोड़त है जा बात हम दोई जनन के बीच रहन दो नाए तो हमारी बिटिया की जिंदगी बर्बाद हुई जाईये ।

तुम जो कहिओ हम बा बात मनिऐ पर काहू से कहिओ न बेटा .......पन्द्रह दिन बाद खुशी की शादी है ।

वादा करते है आंटी जी ये बात किसी को पता नही चलेगी वैसे भी जिससे प्यार करते है उसकी बदनामी नही करते है आप खुशी जी का ख्याल रखिये मै चलता हूँ । का मतलब, कुछ नही ध्यान रखिए आप इनका ।

ठीक है बेटा भगवान तुम्हे हमेशा खुश रखे ।

मामी खुशी की ओर देखती है और उन्हे खुशी के ऊपर बहुत दया आती है वो कहते हुए रोने लगती है कि खुशी की का गलती है कि वा इत्ती सुन्दर है या वा लड़की है दोनो एक दूसरे के गले लगकर बहुत रोती है , चल खुशी कहा, चल तोको नहलाए देत है कपड़ा बदल ले अम्मा जी आती हुईये सत्संग से तेरे मामा और सुनैना भी .......वो जल्दी जल्दी उसे स्नानघर ले जाती है और खुशी के कपड़े निकालने लगती है । खुशी शरम से खुद मे सिमटी जाती है, तोको मामी से अपनी लाज आत है भला एक बिटिया अपनी महतारी से कैसे शरमाए सकत है ।

मानी बात महतारी नाही मामी है, चल तू जल्दी जल्दी नहाए ले हम बहार ही इंतजार कर रहे है अब हम तोको एक पल अकेले नाही छोड़िए ।

खुशी अपनी मामी के गले पड़कर बहुत रोती है मामी मेरी कोई गलती नही थी मै तो उन लोगो को जानती तक नही हूँ फिर उन लोगो ने मेरे साथ ऐसा क्यो किया अगर गुड्डू जी सही समय पर न आए होते शायद वो लोग मेरे साथ ........ चुप एक दम चुप अरे पागल तू तो इत्ती अच्छी है तो भगवान को किसी न किसी को तो भेजने थो तेरी रक्षा के लए अब ई सब मत सोच और जलदी से नहाए ले।

थोड़ी देर बाद जब खुशी आती है , तो उसकी मामी उसे अपने हाथो से खाना खिलाती है, तबतक दरबाजे पर घंटी बजती है, खुशी डर से सहम जाती है मामी अगर वही लोग हुए तो, अरे हम है ना हम देखत जाईके तू डर मत दरवाजा खोलती है तो सामने अम्मा जी और सुनैना होती है, अरे आप लोग बड़ी जल्दी आए गए तेरे पापा कहा रह गए, आ रहे है पापा वो किसी से बात कर रहे है ।

चलो सबलोग खाना खाईलो हम लगाए देत है, मामी सबको खाना लगाने के बाद खुशी को खाना खिलाने लगती है । ये बहुरिया खुशिया को कछु हुआ है का , मामी और खुशी दोनो सकपकाते हुए नाए नाए अम्मा जी क्यो कोई कछु कहात आहो का ...... नाही तू अपने हाथ से उसे खवाउत इही लिए पूछत है ।

का अम्मा जी आप भी न हमका अपनी बिटिया ताए अपने हाथ से नाही खिलाए सकत ..............हाँ हाँ काहे नाही खिलाए सकत ।

सब लोग खाना खाने के बाद मामी सुनो हाँ आज आप सुनैना के संग ऊ के कमरे मे लेट जाईये, क्यो,  क्योंकि खुशिया हमारे संग हमारे कमरा मे लिटिऐ ।

वैसे भी सुनैना अकेले लेटन मै डरात है यही लिए बोल रहे है।

खुशी को कुछ हुआ है क्या, गुस्से से तम तमाते हुए मामी क्यो कछु हुईये तभी अपने तीर लिटाल सकत है का अरे हमने तो वैसे ही सतरह साल गुजार दिऐ ताना दऐ दऐ के अब पन्द्रह दिन बचे है ऊ की विदाई मे तबतक भरपूर प्यार  करनो चाहत है । जब ताना मारत थे तब तो कछु न बोलत थे ।

अगले दिन सुबह जल्दी उठकर मामी काम मे लग गई घर का सारा काम व्यवस्थीत कर दिया । सबका नाश्ता तैयार करके आवाज लगाती है, अरे बहुरिया आज सूरज का पश्चिम से निकलो है, काहे अम्मा जी आप अईसन काहे पूछती हो । ऊ का है न बहुरिया आज नाश्ता करन ताए तूईने आवाज लगाई और खुशी कहा है, वा तो सोउत है का है न अम्मा जी कल देर रात तक जागत रही, क्यो का भओ बा को तबीयत तो ठीक है, नाही नाही ऐसन कोई बात नाही ऊ देर रात तक हमसे बतियाती रही यही लिए आँख नाही खुली है और वैसे भी चार दिन बाद तो काम हमे सँभालने है यही लिए आज ही शुरूआत कर दई है ,
अच्छो करो बहुरिया  ....... हम तो बहुत खुश है कि तेरो व्यवहार खुशिया के लए बदल गओ है कम से कम वा को जात समय कौउनो दुख तो नाही होईए ।

एक हफ्ते बाद शादी मे होने वाले रस्म रिवाज शुरू हो गए, मामी जी, हा बोल बिटिया, मुझे लगता है कि हमलोग को शशांक जी और उनके परिवार को ये बात बता देनी चाहिए अगर उन्हे कही और से पता चला तो वो लोग मेरे बारे मे क्या सोचेंगे मुझे बहुत डर लग रहा है, अरे बिटिया तू चिंता मत कर कछु नाही होईए डर मत कछु गलत नाही होईए तेरे साथ शशांक और ऊ के परिवार वाले भले लोग है और उन लोगन को बताईये कौन न तू बताईये न हम , अगर गुड्डू जी ने बता दिया तो मुझे बहुत डर लग रहा है, अरे ऊ अच्छा लड़का है अगर ऊ को कछु बताने होतो तो वो तुमहे अपनी जान पै खेल के नाए बचातो  .......अच्छा जलदी से तैयार हुईजा पंडितजी आत हुईये ।

शादी की सारी रसमे हो गई और शादी वाली रात आ गई।शशांक दूल्हा बनकर घोड़े पर सवार बराती के साथ आ गया ।

घर की औरते बरात का स्वागत करने के लिए दरवाजे पर खड़ी है, दरबाजे पर बरात आ गई सभी लोग बरात का स्वागत करने लगे सभी रस्म रिवाज पूरी करके शशांक को अंदर लाया गया ।

अपने कमरे मे बैठी खुशी लाल जोड़े मे सजी धजी किसी परी से कम नही लग रही है बालो मे गजरा, आँखो मे काजल लाख सपने संजोए हुए है, मन मे डर कि अगर कही से शशांक जी को पता चला तो वो मेरे बारे मे क्या सोचेंगे , क्या उनसे यह सब छुपाना ठीक रहेगा कही कुछ गलत तो नही कर रही हूँ शशांक जी के साथ .......।

तभी कमरे मे मामी जी प्रवेश करती है, खुशी को दुल्हन के जोड़े मे देखकर बहुत खुश होती है अपने दोनो हाथो से खुशी की बलाए लेने लगती है, देखो अम्मा जी आज हमारी खुशिया कित्ती सुन्दर लग रही है जैसे आसमान से परी उतर के आई हो सब के मुंह खुले के खुले रह जाईये खासकर शशांक बिटवा को आंऐ खुशिया कहकर जोर से हँसने लगती है , (खुशी शरमा जाती है, )मामी हँसते हँसते रो आती है भगवान हमेशा खुश रखे हमारी बिटिया को जऐ कामना है ईश्वर से ...... कोई बात है बहुरिया, नाए तो अम्मा जी, कछु तो है बहुरिया जिससे तू अंदर ही अंदर घुट रही है, अरे नाही अम्मा जी हम तो यही ले चिंतित है कि बस खुशिया अपने घर हंसी खुशी विदा हुई जाए ।

अरे बहुरिया तू तो खाम खा परेशान हुई रही है अपनी खुशिया बहुत खुश रहिए फिर वा हमारे बचपना की सहेली है घर के हम तुम से ज्यादा ख्याल रखिये बिटिया को तू परेशान ना हो ।

सुनैना कमरे मे घुसते ही ओ हो मम्मी दादी आप लोग यहा इमोशनल हो रहे हो वहा वो लोग दीदी को वरमाला के लिए बुला रहे है ।

ओए होए खुशी दी आज तो बिल्कुल कहर ढा रही हो कही जीजा जी ये न बोल दे पहले सुहागरात मनाएंगे फिर शादी करेंगे, ये बात सुनते ही खुशी को वो मंजर याद आ जाता जिसे वो भूलने की हर पल नाकाम कोशिश करती रहती है, उसकी आँखो मे आंसु आ जाते है , ये सब देख मामी सुनैना को डाटते हुए तनिको शरम लिहाज नाही है अम्मा जी के सामने ही हम सब के सामने ही कचर कचर शुरू कर दई चल हट सामने से हमको जान दे ।

खुशी शशांक को वरमाला की स्टेज पर खड़ा कर दिया गया , वहा खड़े सभी कि नजर खुशी पर टिक जाती है, कोई कहता है बिल्कुल अपनी माँ पर गई है कोई कहता कितना किस्मत वाला है शशांक जो उसे इतनी सुन्दर और सुलझी हुई पत्नी मिल रही है, मोहल्ले वाले खुशी कि जमके तारीफ करते है कि लता जी( मामी ) ने अपनी बेटी और ननद की बेटी मे कभी कोई फर्क नही किया वहा खड़े जितने लोग उतनी बाते .......।

काफी हंसी ठिठोली के बाद खुशी शशांक की वरमाला पूरी हो गई ।

सभी लोग खाना खाने मे लग गए कुछ खाने मे नुक्स निकालते तो कुछ सेल्फी लेने मे मशगूल है, एक लम्बी सी टेबल को खाने पीने की चीजो से सजा दिया गया उसमे बर वधू पक्ष के लोग बैठे है खाने का लुत्फ उठा रहे है ।

टेबल पर सभी खाने मे व्यस्त है, कुछ नाच गाने मे व्यस्त है, तभी शशांक का फोन बजा शशांक फोन उठाता उससे पहले उसकी दादी अरे बेटा आज के दिन तो फोन को सांस लेने दे आज तेरी शादी है कहकर फोन साइड मे रखवा देती है, पाँच मिनट बाद सभी के फोन पर  (शशांक के परिवार वाले ) मैसेज आने लगते है मैसेज मे कुछ फोटोज आए हुए है, वेटर मैम आई थिंक कोई जरूरी मैसेज भी हो सकते है आप सब के फोन पर एक साथ रिंग टोन हुई है । ये वेटरवा जई काम ताए आए हो वही काम करो फालतू की चपड़ चपड़ नाही करो ।

अरे लीला वो सही तो कह रहा है एक मिनट की तो बात है चलो देख लेते है,

जैसे ही फोन पर मैसेज खुलते है वैसे ही सबकी आँखे क्रोध से भर जाती है, शशांक लगभग चिल्लाते हुए ये सब क्या है खुशी ............का भओ शशांक बिटवा कछु गलती हुई गई का हमारी बिटिया से आप बीच मे मत बोलिए नानी जी , अरे भओ का है कोई कछु बताइए कि नाही.

अम्मा जी आप शांत हुई जाओ, हम बात करत है ना देखो बेटा हमै एक मौका देओ अपनी बात समझान को , उमा देवी अब समझने समझाने को क्या रह गया है, अम्मा जी थोड़ा धीरे धीरे बोलिए सब लोग इधर ही देख रहे है. हाँ तो देखने दो उन्हे भी तो पता चले कि क्या गुल खिला के बैठी है खुशी ............इसमे खुशी की कौनो गलती नाही है अम्मा जी मामी (रोते हुए ये बात कहती है ) तो क्या गलती हम लोगों की है ।

कछु लोग खुशिया को उठाए ले गए थे पर कछु गलत नाही किए हमारी बिटिया के साथ आप यह रिश्ता नाही तोड़ो नाही तो हमारी बिटिया की जिंदगी बर्बाद हुई जाईये।

अच्छा तो कुछ नही किया तुम्हारी खुशी के साथ ,हाँ अम्मा जी,  क्यो वो लोग खुशी के रिश्तेदार थे जो कुछ नही किया कमाल की बात है ना एक खूबसूरत जवान लड़की और चार लड़के वो भी सुनसान जगह पर और कुछ नही किया खुशी को, हा अम्मा जी हम सच बोल रहे है. और तुम्हे ये सब किसने बताया है, खुशी ने बताओ है वा कभी झूठ नाही बोलत है ।

ठीक है लता तुम इतना कहती हो तो मै मान जाती हूँ पर मेरी एक शर्त है, क्या अम्मा जी,  हम खुशी का वर्जिनिटी टेस्ट करवाना चाहते है अगर उसमे पास हो गई तो मै अपने पोते की शादी खुशी से करवा दूंगी ।

ठीक है हमको कोई दिक्कत नाही है पर जो आपने बोलो है जौ होत का है, वर्जिनिटी टेस्ट  (कौमार्य परीक्षण ) खुशी शारीरिक रूप मे कुंवारी है कि नही,

आप को तनिक भी शर्म है कि नाही अम्मा जी आप हमारी बिटिया मे लानछन लगाए रही हो ऊ के चरित्र पर संदेह कर रही हो जा बात भगवान भी काहे तब भी नाही मानिए।

खुशी का रो रो कर बुरा हाल हो गया यह सब सुनकर ,अब क्यो रो रही हो खुशी जब मुँह काला कर रही थी तब नही सोचा वो तो भला हो उस इंसान का जिसने शादी से पहले सारा सच बहार ला दिया नही तो मै तो अपने पोते की जिंदगी बर्बाद करने चली थी इस चरित्रहीन लड़की से शादी करवा कर मैंने तो कभी सोचा ही नही की इतनी सुन्दर लड़की मेरे साँवले सामान्य से दिखने वाले पोते के लिए हाँ कैसे कर दी चरित्रहीन लड़की बाँधने चली थी ।

अम्मा जी जवान सँभाल कर बात करिये हमारी बिटिया के बारे मे का अनाप शनाप बोले जा रही हो आप हमारी अम्मा जी की सहेली है यही लिए लिहाज करत है वरना, वरना क्या अपनी बिटिया की फटी हुई इज्जत लेके बैठो जो समाज मे थू थू हो रही है मुझे आँखे मत दिखाओ लड़की कितनी भी सुन्दर हो पर चरित्रहीन को अपनी बहू कभी नही बनाएंगे चलो सब यहा से और तमाशा नही देखना इन जाहिलो का सँभालो अपनी चरित्रहीन बेटी ।

शादी की सारी खुशी मातम मे बदल गई जो बात सबसे छुपाई थी वो बात इस तरह सबके सामने आएगी कभी सोचा नही था ।

जो लोग कुछ देर पहले तारीफे करते नही थक रहे थे वो अब खूब चटकारे ले ले कर मजाक उड़ा रहे है, कुछ औरते कितना बुरा हुआ खुशी तुम्हारे साथ ,वैसे कितने लोग थे तुम्हारे साथ जो हादसा हुआ मेरा मतलब जिनके साथ तुम गई थी ......... पीछे से जोरदार आवाज आती है आप लोग को शरम नही आती है एक औरत होकर एक लड़की का मजाक उड़ाते हुए खुशी जी कि जगह पर अगर आप की अपनी बेटी होती तब भी आप ऐसे ही पूछती यह आवाज थी गुड्डू की जो काफी गुस्से से सब पर बरस पड़ा ।

वहा लता तेरी खुशी का तो जवाब नही एक और आशिक निकल आया उसके पक्ष मे बेटा जी अगर इतनी ही तकलीफ हो रही है तो खुशी से तुम शादी कर लो, क्या हुआ अब बोलती क्यो बंद हो गई । मै मै शादी नही कर सकता हूँ , क्यो अब क्या हुआ, गुड्डू कुछ बोल पाता उससे पहले .........नानी को खड़े खड़े गस (चक्कर ) आ जाती है जैसे ही गिरने वाली होती है गुड्डू उन्हे सँभाल लेता है ।

बेटा तुम हमरी नातिन से ब्याह कर लो हमारी बिटिया मे कोई कमी नाही है , गुड्डू आप ऐसे कैसे किसी के भी हाथ मे खुशी जी का हाथ दे सकती है मै खुशी जी के लायक नही हूँ ।

उन्हे तो कोई भी मिल जाएगा, बेटा ऊ दिन तुमने अपनी जान पै खेल के खुशी की इज्जत बचाई थी आज हमारे घर की बचा लेओ तुम को तो पता है कि खुशी के संग कछु गलत नाही भओ ।

अगर खुशी जी हा कर दे तो मै उनके लिए जमाने से लड़ जाऊ ।

खुशी एक बुत की तरह खामोश खड़ी रही उसके मन मे वही बाते घूम रही जो शशांक की दादी ने कही थी ।

खुशी को मंडप मे बैठा दिया गया खुशी और गुड्डू की शादी घरवालो की मर्जी से कर दी गई ।

खुशी को किसी भी बात का असर नही हुआ वो बुत बनी वैसे ही बैठी रही ।

विदाई के समय मामी हाथ जोड़ते हुए बेटा अगर हमारी बिटिया से कौनो गलती हुई जाए तो ऊ का माफ कर दियो बच्ची है अभी तुम बड़े हो समझदारी से काम लियो , आप चिंता मत करिए मै कभी खुशी जी को कोई खुशी नही दूँगा |

सभी लोग आश्चर्य से का मतलब...?....?..?.

बल्कि उनकी जिंदगी खुशियो से भर दूंगा ।

क्या❓ गुड्डू खुशी की जिंदगी में खुशियाँ भरेगा?..?..?..??
क्या शादी के बाद खुशी की जिंदगी में खुशहाली आएगी या बदहाली .... जानने के लिए अगले भाग का इन्तजार करें..!

समीक्षा देकर अपनी राय व्यक्त करें..!

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रचनाएँ
पहला पहला प्यार पहला पहला मिलन
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खुशी ओ खुशी कहा मर गई ।आई मामी एक हाथ मे जल का लोटा लिए दूसरे हाथ मे पूजा की थाली पकड़े भागते हुए आती है । हल्के गुलाबी रंग का सूट उस पर कमर तक लटकती चोटी गुलाब की पंखुड़ी जैसे होठो पर लगी हल्के रंग की लाली उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रही है, रंग से गोरी एक दम मैदा की कटोरी , बड़ी बड़ी आँखे शरीर भी संगेमरमर के तरह दमकता खूबसूरती इतनी मानो आसमान से परी उतर के आई हो । हाँ मामी, सुबह सुबह कहा मरने गई थी ।मामी वो मै मन्दिर गई थी । अरे कल्मुंही तुझे मन्दिर जाने की का जरूरत है तू तो इत्ती सुन्दर है कोई न कोई फंस ही जईऐ तुझसे । कोई राजकुमार न आईये तेरे लिए इसलिए भगवान को मस्का लगानो बंद कर दे और हा घर के काम पर ध्यान दे और देख जाइके सुनैना उठी कि न उठी । अरे मम्मी उठ गई हू मै, और हाँ खुशी दीदी मम्मी बिल्कुल ठीक कह रही है, भगवान को मस्का लगाने की जरूरत ही नही है, मेरी खुशी दीदी तो इतनी अच्छी है इतनी सुन्दर है और हर काम मे होशियार भी तो है, उनके लिए तो एक से बढ़कर एक रिश्ते सामने से चलकर आएँगे । तेरी खुशी दीदी ही बढ़िया हम तो जैसे बुरे है , अम्मा बाप ने नाम रखो खुशी मूँग दलन ताए हमारी छाती पर छोड़ गए । मै तो ये कह रही हूँ कि मस्का तो मुझे लगाना चाहिए भगवान जी को ताकि मेरे लिए अच्छा रिश्ता मिल जाए । एक तो कोई कामकाज नही आता है ऊपर से साँवला रंग दिया है । शुक्र है आप ने मुझे पढ़ा लिखा दिया है, अनपढ नही रखा है, खुशी यह बात सुनकर रो आती है, और अपने काम पर लग जाती है । सुनैना अपने सिर पर हाथ मारते हुए ये क्या बोल दिया मैंने दी को कितना बुरा लगा होगा मै अभी उनको साॅरी बोलती हूँ । दी दी कहा है आप अरे रसोई मे होंगी कहते हुए रसोई मे जाती है । दी आप यहा हो मै कब से आवाज दे रही हू , हा बोलो सुनैना कोई काम था मुझसे। हाँ ।क्या ,बोलो आए एम सॉरी दी मुझे ऐसे नही बोलना चाहिए था सो आई एम वेरी वेरी साॅरी। कोई बात नही बाबू मै तुमसे नाराज नही हू भला मै अपनी प्यारी सी बहन से नाराज हो सकती हू क्या । यू आर सो क्यूट दी एक बात बोलू दी हा बोलो मै आप से बहुत नाराज हूँ । क्यो मैंने क्या किया ?अरे दी मम्मी आपको इतनी खरी खोटी सुनाती है, पर आप हो एक बार पलट के जबाव नही देती हो । सो आई एम वेरी ऐंग्री फाॅर यू! मतलब ?अरे मेरी भोली दीदी मै आपसे बहुत नाराज हूँ । देख सुनैना मामी मुझसे बहुत प्यार करती है,

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