प्राचीन काल से ही हम ग्रहों नक्षत्रों के माध्यम से अपने हाथों की रेखाओं का विश्लेषण करते आए हैं।
क्योंकि हमारे हाथ में सारे ग्रह पर्वत के रूप में विराजमान है। हथेली में सारे पर्वतों का एक अपना स्थान एवं महत्व है।
अगर हम एक साथ चार पांच लोगों की हथेलियों का सामान्य तौर पर विश्लेषण करें तो हमें यह ज्ञात होता है ।की ,सबकी हथेलियां अलग-अलग लंबाई और चौड़ाई की होती है लंबाई चौड़ाई के बावजूद हथेलियों में गद्दापन , पतलापन का भी अपना एक विशेष महत्व होता है।
जिसके आधार पर प्राचीन समय में ज्योतिषी दूर से ही हाथों के आकार प्रकार को देखकर ही उस व्यक्ति के पास लक्ष्मी और यश की स्थिति बता देते थे।
और उसका सूक्ष्मता से विश्लेषण करके उसके पर्वतों की स्थिति को देखकर व्यक्ति के जीवन में घटित घटनाओं बीमारियों ,कर्ज आदि की स्थितियों का विश्लेषण बड़ी आसानी से कर देते थे।
और ज्योतिषी गणना के आधार पर 9०% बातें सत्य भी होती थी ,अगर आप अपनी हथेली को ध्यान पूर्वक देखेंगे तो आपको यह पता चलेगा की हथेली में कोई हिस्सा सामान्य से थोड़ा अधिक उभरा हुआ हमें दिखाई देता है।
जो कि प्रत्येक जातक की हथेली में अलग अलग हो सकता है तो इससे उस जातक के हाथ में किस पर्वत का विशेष महत्व है यह ज्ञात होता है।
और जिस पर्वत का विशेष महत्व होता है उस पर्वत को नियंत्रण करने वाले उसके स्वामी का भी उसके जीवन में विशेष महत्व होता है जैसे मान लीजिए,,,,,,,
कि किसी व्यक्ति के हथेली में अंगूठे के नीचे का भाग थोड़ा उभार लिए हुए हैं, तो ऐसे में हम उस जातक के पर्वत को देखकर यह कह सकते हैं।
कि उसके हथेली में शुक्र पर्वत की प्रधानता है जिसके कारण उसके जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं का आभाव नहीं रहेगा उसे वह सुख सुविधाएं मिलेंगी जरूर और उसके जीवन में धन से संबंधित समस्याएं थोड़ा कम रहेंगी।
यह तो हस्तरेखा या सामुद्रिक शास्त्र की बात हो गई किंतु हम यहां अंक ज्योतिष के विषय में आपको बताएंगे जिसके आधार पर आप अपना विश्लेषण स्वयं कर सकते हैं आप अपनी ही जन्मतिथि से अपने जीवन के छुपे हुए रहस्यो को कैसे जान सकते हैं।
तो इसके लिए हम आपको वह सरल से सरल तुम उपाय बताएंगे जिसके माध्यम से आप स्वयं अपना व्यक्तित्व विश्लेषण कर सकते हैं।
नंबर 1 से लेकर 9 तक में हमारा पूरा जीवन है जिसके आधार पर हम मूलांक के आधार पर लो शु ग्रिड का यह चार्ट बनाते है। हर नंबर किसी ने किसी ग्रह को दिखाता है।
तो चलिए सबसे पहले लोशूग्रिड का चार्ट आपके समक्ष रखने के पहले हम इन नंबरों के विषय में थोड़ी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
**नंबर एक**(1,10,19,,28 )
तो सबसे पहले आता है नंबर 1 नंबर 1 सूर्य को दर्शाता है क्योंकि यह सूर्य का नंबर है। जो सारे ग्रहों में सबसे श्रेष्ठ माने जाते हैं , चूंकि सूर्य के माध्यम से ही हम जातक के यश सम्मान मान प्रसिद्धि इत्यादि को देखते हैं।
तो जिस किसी जातक की जन्मतिथि में एक नंबर आता है।
वह सूर्य के कुछ सकारात्मक तथा कुछ नकारात्मक गुणों से युक्त होता है ,क्योंकि वह जातक के ऊपर आएंगे ही यदि आपका मूलांक 1 है तो उस जातक में जो सबसे पहला गुण होता है,
वह होता है लीडरशिप क्वालिटी;: जो एक मूलांक वालों के अंदर रहती है । किसी भी काम को आगे बढ़कर करना उनके स्वभाव में शामिल होता है।
इसके अतिरिक्त मैं यह सारे कार्य कर सकता हूं का भी भाव उनके अंदर रहता है ।एक मूलांक वाले ज्यादातर लोग अपना डिसीजन स्वयं लेते हैं।
ऐसे जातक स्वतंत्र प्रवृति के होते हैं ऐसे जातक बहुत ही महत्वाकांक्षी होने के साथ-साथ सफल होने की भी इच्छा रखते हैं।
क्योंकि इनके अंदर दृढ़ इच्छा शक्ति होती है जिसके द्वारा नई नई चीजों को ढूंढना और जिस काम को करने के लिए मन बना लेते हैं उसको तो करके ही रहते हैं इनके अंदर साहस और जोखिम लेने की क्षमता भी अच्छी रहती है।
इनका स्वभाव बेहद आकर्षक होता है क्योंकि यह जहां भी रहते हैं थोड़े अलग ही नजर आते हैं। सूर्य इनके ग्रह के स्वामी होते हैं इस कारण यह लोगो के बीच अपने व्यक्तित्व के कारण अपना स्थान बना लेते हैं।
व्यक्तिवादी भावना होने के कारण अपने अंदर अपनी पर्सनैलिटी को बहुत अधिक महत्व देते हैं।
जिसके कारण उन्हें हमेशा यह लगता है कि जो मैं कह रहा हूं वही सही है , जिसके कारण कुछ मामलों में थोड़े जिद्दी हो जाते हैं।
लीडरशिप क्वालिटी होने के कारण हर चीज में खुद आगे रहते हैं। क्योंकि इनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा भी काफी होती है।
इनके साथ जो लोग रहते हैं उन पर इनके व्यक्तित्व का काफी प्रभाव पड़ता है।
इन्हें लोगों के साथ कंपटीशन करना बहुत पसंद होता है, और इनमें जीतने। की प्रवृत्ति बहुत ज्यादा मात्रा में पायी जाती है।
कंपटीशन में 1 अंक वाला जातक अपना बेस्ट देता है।
यह जो कार्य शुरू करते हैं उसे बिना पूरा किए चैन से नहीं बैठते इन पर कोई भी आसानी से भरोसा कर सकता है वैसे यह किसी के भरोसे को तोड़ते भी नहीं ऐसे जातक किसी को जल्दी निराश नहीं करते यह सारा एक मुलाकं का सकारात्मक पक्ष था।
अब हम इसके थोड़ा नकारात्मक पहलू को भी देखते हैं अगर किसी के लो शु ग्रिड चार्ट में एक नंबर दो से अधिक बार 3 बार 4 बार 5 बार आता है तो वह सकारात्मक प्रभाव के स्थान पर नकारात्मक प्रभाव दर्शाता है।
मैं दूसरों से बेहतर कर सकता हूं यह भाव आने पर जातक के अंदर अहंकार की भावना औरों के अपेक्षा थोड़ी अधिक हो जाती है जिससे वह थोड़ा ओवर कॉन्फिडेंस होकर अपने ही काम को बिगाड़ देता है।
दूसरा उसके अंदर जो मैं कह रहा हूं या जो मैं कर रहा हूं वही सही है इस भावना के चलते उसको हर समय बॉस वाली फीलिंग होती रहती है। जो हर परिपेक्ष में सही नहीं है।
बिना कारण अनायास ही झूठ बोलना की बार तो बिना कुछ सोचे-समझे ही बस झूठ बोल देना,
कल्पना शीलता अधिक होने के कारण हकीकत सहज स्वीकार नहीं करते ,
अधिक महत्वाकांक्षी होने के कारण अपने बारे में ज्यादा सोचने की प्रवृत्ति जातक को दूसरों से अलग करती है और उसे थोड़ा दूर करती है जिसके कारण उसके अंदर धर्म शीलता थोड़ी कम होती है।
गुस्सैल स्वभाव होने के कारण अचानक गुस्सा दूसरों के प्रति सहानुभूति की कमी क्योंकि अपने कार्य में पूरी तरह समर्पित रहने के कारण दूसरों की ओर ध्यान कम देना इससे दूसरों के लिए सहानुभूति की भावना कम होना।
जिद्दी स्वभाव के कारण जो सोचा जब नहीं होता तो मन परेशान और बेचैन होना,,,
अत्यधिक प्रतिस्पर्धा की भावना के कारण हर एक चीज को जीतने की लालसा और हार मिलने पर मन ही मन घुटना,,,
किसी भी काम को एकदम अचानक से झटके से करना आवेग में कार्य करने के कारण कार्य सही तरीके से ना होने पर निराश होना।
यह सारी बातें उस जातक के लिए है जिनका मूलांक एक हो और जिनके लो शु ग्रिड चार्ट में एक नंबर 3 बार 4 बार या 5 बार आता हो,,
(किस क्षेत्र में काम करें)
वैसे तू किसी का कोई क्षेत्र सीमित नहीं होता लेकिन 1 अंक वाले क्योंकि सूर्य का प्रतिनिधित्व करते हैं इस कारण इनकी सोच काफी बड़ी होती है और महत्वाकांक्षा की भी अधिकता होती है इसलिए यह जब भी कुछ करते हैं तो बड़ी सोच के साथ करते हैं जैसे बड़ा बिजनेस किसी अच्छे पोस्ट पर इसके अतिरिक्त प्रशासन , मैनेजमेंट,,राजनीति। वे यह काफी अच्छा करते हैं और इन्हे क्षेत्र में सफलता भी मिलती है
क्योंकि इनके अंदर लीडरशिप क्वालिटी होती है इसलिए यह सारे क्षेत्र इनके लिए बहुत ही अच्छे होते हैं।
अब हम समझते हैं किलो शुगृत चार्ट में एक नंबर अगर एक बार आए तो वह अच्छा माना जाता है।
और अगर दो बार आए तो बहुत ही अच्छा माना जाता है।
तीन बार आता है तो ऐसा जातक बातूनी होगा या फिर चुप ही रहेगा अगर बातूनी होगा तो बिना सोचे समझे जहां बोलना नहीं होगा वही बोलेगा और जहां बोला होगा वहां चुप हो जाएगा।
और अगर एक नंबर लोशु ग्रेड चार्ट में चार बार आता है तो ऐसे जातक दयालु होने के साथ-साथ झूठ भी बोलते हैं भीड़ में आशाए महसूस करते हैं और अपने आप को किसी के समक्ष बात नहीं पाते अर्थात अपनी क्षमताओं को दर्शा नहीं पाते,,,
पूरी खराब होने से चेहरे पर तेज कम हो जाता है या गायब हो जाता है चेहरा कांति हीन हो जाता है और शरीर मैं हमेशा आलस महसूस होती है पिता से संबंध अच्छे नहीं रहते बिना किसी बात के ही पिता से बहस निश्चित होती है।
चलिए हम चलते हैं इसके उपाय की ओर क्योंकि उपायों से हम इन सारे ग्रहों के दुष्परिणाम को कुछ हद तक ठीक कर सकते हैं।
यदि किसी जातक का सूर्य खराब हो या फिर उसके लो शु ग्रिड चार्ट में सूर्य की संख्या तीन चार पांच छह बार आती हो तो ऐसे जातक को रविवार के दिन गेहूं, तांबा, गुड, लाल कपड़ा, किसी योग्य व्यक्ति को दान करना चाहिए, अर्थात जो वास्तव में उसका पात्र हो निर्धन हो अशक्त हो अपंग हो ऐसे व्यक्तियों को ही दान देना चाहिए?
सक्षम व्यक्तियों को दान देने का कोई महत्व नहीं रहता, दूसरा उपाय किसी नदी तालाब या फिर किसी बहते जल में तांबे के सिक्के को बहा दे,
और ऐसे जातक रविवार के दिन लाल और सफेद रंग के वस्त्र बिल्कुल भी ना पहने,,,
आपकी जन्म तिथि में आपका मूलांक क्या है? यह जानने के लिए और लोशूग्रिड चार्ट बनता कैसे हैं ??आपकी जन्मतिथि के अंक इसमें में कैसे फिट होते हैं? आपका विवाह आपकी नौकरी और भी अपना भविष्य जानने के लिए हमारे साथ जुड़िए और अपने आप अपना विश्लेषण स्वयं करिए और जानिए कि लोशूग्रिड चार्ट माध्यम से आप अपना स्वयं का भविष्य कैसे देख सकते हैं।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, क्रमशः
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