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कर्म ही पूजा है ! मैं एक पत्रकार/कलमकार हूँ एक कलमकार को जीवन में कई दौर के संघर्ष से जूझना होता है यही कारण है कि मैने उक्त वाक्य को अपनी पत्रकारिता की जिंदगी में उतार लिया. १९९८-१९९९ में ग्वालियर दैनिक जागरण में एक प्रशिक्षु के तौर पर अपने पत्रकारिता जीवन की शुरूआत की. २००२ तक ग्वालियर में कार्य करने के तदोपरांत आगरा से प्रसारित सहारा समय(साप्ताहिक) में एक वर्ष स्वतंत्र लेखन के बाद आगरा जनपद के प्रथम न्यूज़ चैनल मून न्यूज़ में चार वर्ष तक रिपोर्टर के तौर पर में कार्य किया जिसमे मैने कई प्रयोग किये और सफल भी रहा, चुनौतियां भी मिली लेकिन हार नहीं स्वीकारी. मून न्यूज़ में ही खेल पत्रकारिता में कई सनसनी खेज स्टोरी से ख्याति प्राप्त के साथ साथ कई विवादों से भी जूझना पड़ा. २००३ से २००७ तक विभिन्न क्षेत्रो में रिपोर्टिंग कर अपनी अमिट छाप छोड़ २००६ से २००७ तक पंजाब केसरी में कई स्पेशल स्टोरी के जरिये अपनी अलग पहचान स्थापित की. २००७ से २०१० तक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाचार पत्र राज एक्सप्रेस और २०१० से २०१२ तक देशबन्धु में आगरा के ब्यूरो चीफ की भूमिका का बखूबी निर्वहन किया ! २०१३ से नवलोक टाइम्स में समाचार संपादक की जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए बहुत कुछ सीखने को मिला! पत्रकारिता में प्रशिक्षण का दौर अनवरत आज भी जारी है !

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