प्रखर "प्रियतम"
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सहायक आचार्य, (हिंदी एवं मनोविज्ञान)
अंतर्व्यथा
मेरे जीवन के अनुभवों से निर्मित अहसास की दुनिया के कुछ शब्द ,जो गजल के रूप में ढलकर मेरे दिल से फूट पड़े !
अंतर्व्यथा
मेरे जीवन के अनुभवों से निर्मित अहसास की दुनिया के कुछ शब्द ,जो गजल के रूप में ढलकर मेरे दिल से फूट पड़े !