मेरे जीवन के अनुभवों से निर्मित अहसास की दुनिया के कुछ शब्द ,जो गजल के रूप में ढलकर मेरे दिल से फूट पड़े !
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शायद मेरी यादों का साया, घेर लेता है ! अक्सर वो मुझे देखकर, मुँह फेर लेता है !! लगता है किसी दर्द का, मारा है आजकल,, वो गाँव के कुत्तों पे पत्थर, फेंक लेता है !! 1 परदे में मेरे घर के, अब हा