शायद मेरी यादों का साया, घेर लेता है !
अक्सर वो मुझे देखकर, मुँह फेर लेता है !!
लगता है किसी दर्द का, मारा है आजकल,,
वो गाँव के कुत्तों पे पत्थर, फेंक लेता है !! 1
परदे में मेरे घर के, अब हालत ना रहे,,
वो बैठकर मुंडेर पे सब, देख लेता है !! 2
देखा है उसकी आँखों में, आंसू का समंदर,,
ये बात और है की वो, हँस खेल लेता है !! 3
दुश्मनों के साथ अक्सर, बैठकर 'प्रियतम' ,,
वो नाम मेरा आजकल, कुछ देर लेता है !! 4
प्रखर "प्रियतम "