“मुक्तक” शांति का प्रतीक लिए उड़ता रहता हूँ। कबूतर हूँ न इसी लिए कुढ़ता रहता हूँ। कितने आए-गए सर के ऊपर से मेरे- गुटरगूं कर-करके दाना चुँगता रहता हूँ॥-१ संदेश वाहक थे पूर्वज मेरे सुनता रहता हूँ। इस मुंडेर से उस मुंडेर भटकता रहता हूँ। कभी खत लटक जाते गले कभी मैं तार से- रास
प्रतीकात्मकता हम प्रतिवर्ष सितंबर माह में हिंदी दिवस, हिंदी सप्ताह या फिर हिंदी पखवाड़ा मनाते हैं. साल भर की हिंदी के प्रति जिम्मेदारी एक दिन , एक सप्ताह या फिर एक पखवाड़े में निपटा देते हैं. फिर साल भर हिंदी की तरफ देखने की जरूरत ही नहीं है. हिंदी के इस पर्व में बतियाने, भाषणबाजी करने या फिर कुछ प
भारत के सुपरस्टार रजनीकांत धरती पर तो छाये हुए हैं.....लगता है अब आसमान की बारी है। , रजनीकांत की उड़ान अब आसमान में देखी जाएगी । एयर एशिया ने कुछ अविश्वसनीय रूप से चौंकाने वाला काम किया है। । भारत के सुपरस्टार रजनीकांत धरती पर तो छाये हुए हैं.....लगता है अब आसमान की बारी है। , रजनीकांत की उड़ान अ