माड़भूषि रंगराज अयंगर
Madabhushi Rangraj Iyengar-माड़भूषि रंगराज अयंगर जन्म 13 अक्तूबर, 1955 को आँध्रप्रदेश के जिला पश्चिम गोदावरी के एक छोटे से गाँव पेंटापाडु में हुआ। दादाजी और पिताजी की नौकरीवश बचपन बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में बीता। फलस्वरूप शालेय पढ़ाई, बी एस सी और अभियाँत्रिकी की शिक्षा भी बिलासपुर में ही हुई। बाद में नौकरी के दौरान दिल्ली से प्रबंधन में डिप्लोमा किया। शालेय शिक्षा के दौरान 13 वर्ष की उम्र (सन् 1968) में पहली कविता ‘ताजमहल’ लिखी गई, जिसे मेरी अनुजा ने स्टेज पर पढ़ा और उसे बहुत सराहना मिली। यही सराहना धीरे-धीरे मेरी अन्य रचनाओं का कारण बनीं। घर पर पिताजी को साहित्य का शौक था। शायद उसी का असर है कि मुझे साहित्य में रुचि हुई। वर्ष 1982 में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में नौकरी शुरू हुई। उस दौरान कार्यालय की विभिन्न गृह पत्रिकाओं में मेरी कविता प्रकाशित होती रही। इसके अलावा नागपुर और राजकोट में रेलवे की गृह पत्रिकाओं में भी मेरी कविताओं का प्रकाशन हुआ। नराकास (नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति) राजकोट, वड़ोदरा और नागपुर की पत्रिकाओं में भी मेरी रचनाएं प्रकाशित हुईं। गुजरात के समाचार पत्र और वाराणसी के एक प्रकाशन से भी मेरी रचना प्रकाशित हो चुकी है। अनुशासनिक बंधनों की वजह से नौकरी के दौरान पुस्तक प्रकाशन की ओर ध्यान नहीं गया। वर्ष 2015 में इंडियन ऑयल से सेवानिवृत्ति के बाद प्रकाशन की पुरजोर सोच आई। अब तक मेरी निम्न पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 1- दशा और दिशा (विविध रचनाएँ) 2- मन दर्पण (कविता) 3- हिंदी प्रवाह और परिवेश (हिंदी भाषा संबंधी लेख) 4- अंतस के मोती (बहन उमा के साथ कहानी और लेखों का संकलन) 5- गुलदस्ता (समसामयिक लेख) 6- ओस की बूंदें (श्रीमती मीना शर्मा जी के साथ साझा कविता संग्रह) इन पुस्तकों के साथ-साथ मेरी रचनाएँ मेरे ब्लॉग laxmirangam.blogspot.com, Pratilipi.com, shabd.i
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पर्यावनण दिवस 5 जून के अवसर पर...<p style="margin-top: 6px; margin-bottom: 6px; font-family: helvetica, arial
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<p style="margin-bottom: 6px; font-family: helvetica, arial, sans-serif; color: rgb(29, 33, 41); font-size: 14px; line-height: 19.32px;">पर्यावनण दिवस 5 जून के अवसर पर...</p><p style="margin-top: 6px; margin-bottom: 6px; font-family: helvetica, arial