कुछ तो है....
कहते है ,इस जहां में ...कुछ तो है ... तुझसे वास्ता ... क्योंकि ना जाने, क्यों ? तेरे बिना... अधूरा है ,मेरा हर रास्ता...पर मेरे बिना ... अधूरी है... मेरे जन्मदाता की हर कामना...वजह यह जान... नहीं चाहती की कभी ... पूरी हो हमारी ... ये दास्तां ...ये दास्तां ....