पुनीत सिंह रतनु 'इरशाद'
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आकृति
इन आभासी पन्नों के भीतर, तुम मानव हृदय के असंख्य रंगों का सामना करोगे - इसके कंपन, इसकी खामोशी और प्रेम हेतु इसकी अतृप्त प्यास। प्रत्येक कविता एक आत्मनिरीक्षण है, अनुभव है और जीवन की व्यर्थता की प्रतिध्वनि है। यह काव्य संग्रह (जो अभी ज़ेर-ए-तामीर है),
आकृति
इन आभासी पन्नों के भीतर, तुम मानव हृदय के असंख्य रंगों का सामना करोगे - इसके कंपन, इसकी खामोशी और प्रेम हेतु इसकी अतृप्त प्यास। प्रत्येक कविता एक आत्मनिरीक्षण है, अनुभव है और जीवन की व्यर्थता की प्रतिध्वनि है। यह काव्य संग्रह (जो अभी ज़ेर-ए-तामीर है),
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