23 जून 2015
ज़िंदा हो तो ताकत रखो बाज़ुओ में लहरो के खिलाफ तैरने कि , क्योकि लहरो के साथ बहना तो लाशो का काम हे...... मुझे आपका लेख बेहद अच्छा लगा ...................................
24 जून 2015
अजय जी, ऐसी ही अगाध प्रेमपूर्ण रचना देश के प्रति लिखिए, आपकी लेखनी से रचना में आनंद आ जाएगा। 'प्यार का दर्द' आपकी सुन्दर भावाभिव्यक्ति है।
24 जून 2015
behad bhavnatmak abhivyakti .
23 जून 2015