मैंने देखा जब उनको पहली बार ,दिल मेरा हो गया था गुले गुलजार , लगा था ऐसा जैसे बरसो से था उनका इंतजार और हो जन्मो जन्मो का वो प्यार, आई थी वो ऐसे जैसे कोई किरण ,मधुबन में झूमता सोने का वो हिरन ,देखने को उनकी एक झलक हो जाता था बेकरार खोलकर खिड़की देखता था बार- बार,