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प्यार की शीशी

20 नवम्बर 2015

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अरे सुन बड़ी दूर से तेरे लिए, में प्यार की शीशी लाया हु,

चख कर जिसको झूम पड़ेगी, में चीज़ कुछ ऐसी लाया हु !!


शिकायत करती है  मुझसे, मैं याद बहुत क्यों आता हु,

दिल तो सुलझा है मेरा, बस तुझे समझ नहीं पता हूँ !!


अब सुलग जायेगी हर हया तेरी,

बहक जायेगी हर अदा  तेरी !!


मैं चीज़ कुछ  ऐसी लाया हूँ 

बड़ी दूर से तेरे लिए, में प्यार की शीशी लाया हु,

चख कर जिसको झूम पड़ेगी, में चीज़ कुछ ऐसी लाया हु !! 


 छू ले  मेरे होठो को, तू अपने  कोमल होठो से,

दे  दूँ जाम मोहब्बत का मैं तुझे भी तुझे अपने होठो से !!


अब नाम जपेगी बस मेरा तू, मैं चीज़ कुछ ऐसी लाया हूँ !!


बड़ी दूर से तेरे लिए, में प्यार की शीशी लाया हु,

चख कर जिसको झूम पड़ेगी, में चीज़ कुछ ऐसी लाया हु !! 















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